महामंदिर थानान्तर्गत घांचियों का बास में शेयर कारोबारी वृद्ध को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसने का डर बताकर साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 17.30 लाख रुपए ऐंठ लिए। यह राशि दो किस्तों में अलग-अलग बैंक खातों में आरटीजीएस से जमा करवाई गई थी। पुलिस ने 2.50 लाख रुपए होल्ड करवाए हैं।
पुलिस के अनुसार घांचियों का बास निवासी महावीर राज (67) पुत्र सम्पतराज लोढ़ा के साथ साइबर ठगी की गई है। गत 24 दिसम्बर को अनजान नम्बर से मोबाइल पर कॉल आया था। वृद्ध को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसने की धमकियां दी गईं। ऐसा सुनते ही वृद्ध दबाव में आ गए। उन्होंने साइबर ठग से पूछ लिया कि उन्हें मामले से बचने के लिए क्या करना होगा। तब साइबर ठग ने 15 लाख रुपए खाते में जमा करवाने का दबाव डाला। ताकि वो केस से बाहर हो जाएं। ठग की बातों में आकर पीडि़त ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र में मुकेश अग्रवाल के खाते में आरटीजीएस के मार्फत 15 लाख रुपए जमा करवा दिए। उसी दिन आरोपी ने वाट्सऐप कॉल कर 2.30 लाख रुपए और बकाया होने की जानकारी देकर जमा करवाने का दबाव डाला। पीडि़त ने उसकी बातों पर भरोसा कर पंजाब नेशनल बैंक में कमल किशोर के खाते में 2.30 लाख रुपए आरटीजीएस से जमा करवा दिए। 28 दिसम्बर की सुबह ठग ने पीडि़त को कॉल कर कहा कि वो उनसे शाम को बात करेगा। इसके बाद पीडि़त की ठग से कोई बात नहीं हो पाई। तब उन्हें धोखाधड़ी का पता लगा।
वो पुलिस के पास पहुंचे और पूरी जानकारी दी। साइबर क्राइम के टोल फ्री नम्बर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। एएसआइ बाबूलाल ने जांच शुरू की और साइबर एक्सपर्ट कांस्टेबल सुरेश बिश्नोई की मदद से 15 लाख रुपए जमा होने वाले बैंक खाते की जांच की और उसमें जमा करीब 2.50 लाख रुपए होल्ड करवा लिए। अन्य राशि के संबंध में जांच की जा रही है।