गौरतलब है कि परिजन ने आरोप लगाया था कि आग ऑक्सीजन मास्क से लगी। आग बुझाने के लिए भी स्टाफ नहीं पहुंचा। करीब एक घंटे बाद नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंचे। मरीज के परिजन का कहना है कि घटना रात 2 से 3 बजे के बीच की है। आग लगने के बाद आस-पास के मरीज के परिजनों ने मदद की, लेकिन नर्सिंग स्टाफ, वहां तैनात सुरक्षा कर्मचारी व सफाई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचे। इसके बाद परिजन ने खुद ही आग बुझाई।
ऑक्सीजन लाइन पकड़ सकती थी हादसा
देर रात जब यह आग लगी तो स्टोर के कर्मचारी सबसे पहले मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत ऑक्सीजन लाइन को डिस्कनेक्ट किया, अन्यथा आग बड़ा रूप ले सकती थी। नर्सिंग ऑफिसर नर्मदा को एपीओ कर प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज के अधीन रखा गया है। संविदा पर नर्सिंग ऑफिसर रविन्द्र कुमार की सेवाएं कंपनी ने बंद कर दी। साथ ही सुरक्षाकर्मी अरविंद पुरी को भी कंपनी से हटा दिया गया है। एमडीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया का कहना है कि हादसे के बाद जब पहली बार हमारी टीम पहुंची तो माचिस की तीलियां और कुछ बीडी के टुकड़े मिले हैं। पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई है। रिपोर्ट आने के बाद आगे पूरी कार्रवाई होगी।एमडीएम अधीक्षक का घेराव
वहीं नर्सिंग कर्मचारियों को हटाए जाने के विरोध में नर्सिंग संगठनों ने रोष जताया। अस्पताल अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया का घेराव किया गया। कई घंटों तक पड़ाव डाला। आखिरकार एपीओ आदेश वापस होने पर विरोध प्रदर्शन शांत हुआ। राजस्थान नर्सेंज एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विजेंद्र सिंह मेड़तिया ने बताया कि नर्सेंज के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई से अस्पताल की समस्त नर्सेंज में रोष व्याप्त हो गया। जिसके विरोध स्वरूप नर्सेज ने विरोध करते हुए अधीक्षक डॉ. नवीन किशोरिया का घेराव किया। यह भी पढ़ें