इस साल मानसून में जून महीने में ही पूरे प्रदेश को कवर कर लिया था। जुलाई महीने में अच्छी खासी बरसात हुई। इससे पहले जून में चक्रवाती तूफानों के चलते बरसात का मौसम बना हुआ था, जिससे प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ के हालात हो गए थे, लेकिन अगस्त महीने में एकदम सूखा रहने से अब किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें नजर आने लगी है।
अभी भी 12 फीसदी अधिक बरसात
प्रदेश में अगस्त महीने में भले ही नहीं के बराबर बारिश हुई लेकिन जून और जुलाई महीने में इतना पानी बरसा कि अभी भी बारिश का औसत सामान्य से 12 फीसदी अधिक है। 1 जून से लेकर 31 अगस्त तक प्रदेश में सामान्य बरसात का औसत 372.1 मिमी है जबकि अब तक 416.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। सर्वाधिक बारिश पश्चिमी राजस्थान के हिस्से में आई है जहां 242.7 मिमी के स्थान पर 341.7 मिमी बारिश हुई यानी 45 फीसदी अधिक पानी बरसा है। पूर्वी राजस्थान में औसत से 7 फीसदी कम बरसात (534.8 की जगह 497.3 मिमी) है।
प्रदेश में अगस्त महीने में भले ही नहीं के बराबर बारिश हुई लेकिन जून और जुलाई महीने में इतना पानी बरसा कि अभी भी बारिश का औसत सामान्य से 12 फीसदी अधिक है। 1 जून से लेकर 31 अगस्त तक प्रदेश में सामान्य बरसात का औसत 372.1 मिमी है जबकि अब तक 416.3 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। सर्वाधिक बारिश पश्चिमी राजस्थान के हिस्से में आई है जहां 242.7 मिमी के स्थान पर 341.7 मिमी बारिश हुई यानी 45 फीसदी अधिक पानी बरसा है। पूर्वी राजस्थान में औसत से 7 फीसदी कम बरसात (534.8 की जगह 497.3 मिमी) है।
अगस्त महीने में यहां हुई ठीक-ठाक बारिश
अगस्त महीने में भरतपुर में 190.8, दौसा में 160.4, धौलपुर में 203.2, बांसवाड़ा में 110.2, अलवर में 79.1, करौली में 213.7 और सवाई माधोपुर में 83.3 मिलीमीटर बारिश हुई लेकिन सभी जगह बारिश संबंधित जिलों के अगस्त महीने के औसत से कम रही।
अगस्त महीने में भरतपुर में 190.8, दौसा में 160.4, धौलपुर में 203.2, बांसवाड़ा में 110.2, अलवर में 79.1, करौली में 213.7 और सवाई माधोपुर में 83.3 मिलीमीटर बारिश हुई लेकिन सभी जगह बारिश संबंधित जिलों के अगस्त महीने के औसत से कम रही।
जोधपुर में 31 में से 30 दिन सूखे जोधपुर में अगस्त में सामान्य बारिश का औसत 100.7 मिमी है, जबकि बारिश केवल 22.4 मिमी ही हुई। वह भी केवल एक दिन 20 अगस्त को रात को बारिश हुई थी। महीने के तीस दिन सूखे ही गुजरे।