वहीं जोधपुर शहर में हुई मूसलाधार बारिश के बाद सड़कों और सीवरेज समस्या का सुधारने के लिए नगर निगम, जेडीए, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआइ और रूडीप जैसी एजेंसियों के 100 से ज्यादा इंजीनियर्स की इंजीनियरिंग फेल हो गई है। शहर में हर बारिश में सड़कों पर जलभराव की समस्या लगातार इतनी बढ़ती जा रही है बावजूद इसके कोई गंभीर नजर नहीं आ रहा है। मानसूनी सीजन में हल्के-फुल्के इंतजाम करके इतिश्री कर लेते है, लेकिन जल भराव का दंश भुगतना पड़ता है शहर की जनता को। हैरत की बात तो यह है कि लोकतांत्रिक तरीके से जीते हुए हमारे जनप्रतिनिधि भी महज तामाशबीन बनकर बैठे है। शहर की मुख्य सड़कों से लेकर भीतरी शहर तक तेज बारिश (IMD Heavy rain Warning) के दौरान जलभराव की समस्या से जूंझता है, लेकिन कोई भी नेता क्षेत्रवासियों की सुध लेने के लिए नहीं पहुंचा।
वहीं जोधपुर-जयपुर हाईवे के लिए बनाड रोड पर बसी बस्तियों का शहर से कनेक्शन कट गया है। एक घंटे की बारिश के बाद दस दिनों तक यह सड़क दरिया (IMD Heavy rain Warning) बनी रहेगी। माता का थान, भदवासिया, मण्डोर सहित कई बडे इलाकों का पानी गणेश होटल के पास से बनाड़ रोड पर प्रवेश करता है। बनाड़ समांतर रोड पर बारिश के कारण रेलवे क्वार्टर में पानी भर गया। इससे यहां पर रहने वाले लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के बाद दूसरे दिन भी क्षेत्र में रहने वालों के घरों में पानी भरा रहा। वहीं यूनिवर्सिटी नाले के निर्माण के लिए भले ही निगम ने 217 पेड़ों की बलि दे दी, लेकिन अभी तक इस नाले को शुरू नहीं किया। अब लोग बारिश के मौसम में यहां पर सहमे बैठे रहते हैं। नाले के पास से गुजरने वाली रोड से भी लोग बारिश के मौसम में डरते-डरते निकल रहे है क्योंकि पानी पूरी सड़क पर भरा हुआ है। शुक्रवार रात हुई तेज बारिश के बाद रूपनगर और बीजेएस क्षेत्र में जलभराव को देखते हुए कलेक्टर हिमांशु गुप्ता व आयुक्त दक्षिण उत्सव कौशल ने शनिवार को सुबह नगर निगम अधिकारियों के साथ क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पानी की निकासी को लेकर भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए । आयुक्त दक्षिण के निर्देश के बाद नगर निगम दक्षिण ने न्यू रूप नगर में मड पंप लगाकर पानी की निकासी का कार्य शुरू कर दिया है। इधर, बकरामंडी के पास गंगलाव तालाब के आस-पास घरों में भी बारिश का पानी भरा हुआ है।