जोधपुर। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय और मानसून ने इस बार बदले मौसम का संकेत दिया है। मानसून के दो महीने में अब तक सर्वाधिक बारिश पश्चिमी राजस्थान, उसमें भी बाड़मेर और जालोर के हिस्से आई है। जालोर में 217 और बाड़मेर में 213 प्रतिशत अधिक बारिश (Weather Alert) है, जबकि दोनों शुष्क प्रदेश है। प्रदेश में सबसे कम बारिश सर्वाधिक वर्षा वाले स्थान हाड़ौती और वागड़ में हुई है, जहां से मानसून प्रवेश करता है। झालावाड़, बारां, बांसवाड़ा और डूंगरपुर में सामान्य से कम बारिश हुई है। धौलपुर में भी सामान्य से कम बारिश है। कोटा और बूंदी में सामान्य महज 12-13 प्रतिशत ही अधिक बारिश है।
25 सेमी वाली जगह पर 150 सेमी पर भारी जलवायु दृष्टि से बाड़मेर बेल्ट शुष्क प्रदेश में आता है जो 25 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा वाला स्थान है, जबकि हाड़ौती व वागड़ अति आद्र क्षेत्र में आते हैं जहां वार्षिक वर्षा का औसत प्रदेश में सर्वाधिक 150 सेंटीमीटर है। इस साल मानसून में शुष्क प्रदेश ने अति आद्र प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है। प्रदेश में मानसून काल जून से सितम्बर तक माना जाता है।
प्रदेश में अब तक 71 प्रतिशत अधिक बारिश राजस्थान में 31 जुलाई तक 389.3 मिलीमीटर बारिश (Weather Alert) हुई है, जबकि इस समय तक बारिश का औसत 227.1 मिमी है यानी अब तक 71 प्रतिशत अधिक पानी बरसा है। मौसम विभाग प्रदेश के 33 जिलों में से 10 जिले पश्चिमी राजस्थान में गिनता है। इन जिलों में अब तक 123 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है जबकि पूर्वी राजस्थान के 23 जिलों में केवल 40 प्रतिशत ही अधिक बारिश है।
इनका कहना है अब तक अच्छी बारिश हुई है। अगस्त के दूसरे पखवाड़े में सामान्य से कम बारिश होगी। सितम्बर में भी कम बारिश की संभावना है, लेकिन बरसात के लिहाज से यह सीजन ठीक रहा।
– राधेश्याम शर्मा, निदेशक, भारतीय मौसम विभाग, जयपुर
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