
इमारतों में कैद हो गए हम, इनको खोलने का आर्किटेक्चर बनाए आइआइटी
जोधपुर. देश के उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने मंगलवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जोधपुर में प्रदेश के पहले सिटी नॉलेज एण्ड इनोवेशन क्लस्टर का उद्घाटन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) लैब का शिलान्यास किया। आइआइटी सभागार में उन्होंने कहा कि वर्तमान में घर बंद है। कक्षाएं बंद है। लेबोरेट्री बंद है। दफ्तर बंद है। सभी चीजें बंद-बंद हो रही है जिससे दिमाग भी बंद सा हो गया है। उन्होंने आइआइटीज को इन बंद इमारतों को खोलने के लिए आर्किटेक्चर विकसित करने के लिए कहा ताकि शुद्ध हवा, धूप और प्राकृतिक पर्यावरण के बीच मनुष्य रह सके। उन्होंने कहा कि फैशन अलग है, क्लोजनेस अलग है। देश में 66 प्रतिशत मौतें गैर संक्रामक रोगों से हो रही है जिसे स्वस्थ जीवन शैली से टाला जा सकता है।
वैसे नायडू का भाषण आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर आधारित था। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक से पूरी दुनिया के कई क्षेत्रों में एआई से क्रांति हुई है। भारत को एआई के डिजाइन, कार्यान्वयन और अनुप्रयोग में ग्लोबल लीडर बनना होगा। डाटा साइंस व कम्प्यूटर का आधारभूत कोर्स सभी कक्षाओं में अनिवार्य बनें ताकि विद्यार्थी सूचना तकनीक में आ रहे बदलाव के प्रति सजग रहें। उन्होंने कहा कि तकनीक का उद्देश्य जीवन को खुशहाल बनाना है। एआई को भी इसी दिशा में काम करना चाहिए। देश का एआई का फोकस अब कृषि, स्वास्थ्य, शासन और शिक्षा पर होना चाहिए। नायडू ने मातृभाषा में इंजीनियरिंग, मेडिकल, तकनीकी सहित अन्य पढ़ाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हाल ही में एआईसीटीई ने उनके समक्ष प्रजेंटेशन दिया था जिसमें बताया गया कि 14 तकनीकी संस्थाएं मातृ भाषा में पाठ्यक्रम तैयार करने का कार्य कर रही है।
कोषालय से सीधे आम आदमी की जेब में पैसा
नायडू ने कहा कि जब सरकार ने बैंकों में आम आदमी के खाते खुलवाने प्रारंभ किए तो शुरुआत में इसका मजाक उड़ाया गया। आज डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर जैसी योजनाओं से सरकार के कोषालय से सीधे आम आदमी की जेब में पैसा जा रहा है। उसे किसी के सामने हाथ जोडऩे और हाथ मिलाने की जरुरत नहीं है।
बच्चों के सुबह 8 बजे उठने पर उपराष्ट्रपति नाराज
आइआइटी जोधपुर में केमेस्ट्री में पीएचडी कर रही छात्रा वैष्णवी के कोविड संबंधी प्रश्न पूछने पर उपराष्ट्रपति ने स्वस्थ जीवन शैली का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि आजकल के बच्चे सुबह 8 बजे उठते हैं। टीवी, सिनेमा, मोबाइल के कारण देर रात तक जागते हैं। सुबह सूर्योदय भी नहीं देखते। इस जीवनशैली के कारण बीमारियां घर कर रही है। लोग भी आलसी हो गए हैं। वॉकिंग, जॉगिंग कुछ तो शारीरिक मेहनत करनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि सोमवार को जैसलमेर और मंगलवार को जोधपुर में सुबह की खुली धूप में मॉर्निंग वॉक का आनंद लिया। उन्होंने नेचर, कल्चर के साथ बेटर फ्यूचर का मंत्र दिया। बीटैक छात्रा माधवी लाठर ने नई शिक्षा नीति पर प्रश्न पूछा।
राजस्थानी खाना इतना बढिय़ा, कहां मंचूरिया-बुलगारिया में उलझे हो
नायडू ने बच्चों के वेस्टर्न फूड पिज्जा-बर्गर खाने पर भी आश्चर्य प्रकट किया। उन्होंने कहा कि राजस्थानी खाने का कोई जवाब नहीं है। जोधपुर की प्याज की कचौरी तो पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। पूर्वजों ने मौसम, ऋतु के अनुसार हमारे के लिए सुबह, दोपहर व शाम के खाने का मैन्यु तैयार किया है और वर्तमान में लोग पश्चिमी डिब्बाबंद खाने का अंधानुकरण कर रहे हैं। मंचूरिया-बुल्गारिया, चिकन-64 जैसे खाद्य पदाथों के नाम बदलकर रेस्तरां व कम्पनी वाले केवल आकर्षित करते हैं।
इन्होंने भी किया संबोधित
समारोह को राज्यपाल कलराज मिश्र, आइआइटी जोधपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ आर चिदम्बरम (वर्चुअली शामिल), आइआइटी निदेशक प्रो शांतनु चौधरी, प्रो एसआर वढेरा ने भी संबोधित किया।
क्या है इनोवेशन क्लस्टर
शहर के संपोषणीय व सतत् विकास के लिए केंद्र सरकार ने देश के 6 शहरों में सिटी नॉलेज एण्ड इनोवेशन क्लस्टर शुरू किए गए हैं। राजस्थान में एकमात्र जोधपुर में है। इसका उद्देश्य विज्ञान व तकनीक के जरिए शहर के समस्त संस्थाओं को एक छत के नीचे लाकर शहर का विकास और आम जनता की समस्याओं को वैज्ञानिक तरीके से हल करना है। जोधपुर में आइआइटी के नेतृत्व में एम्स, काजरी, रक्षा प्रयोगशाला, सभी विश्वविद्यालय सहित करीब 26 संस्थाएं एक साथ काम कर रही है। इसके अलावा आइआइटी में करीब 100 करोड़ रुपए की आइओटी लैब भी बनाई जाएगी, जिसमें ऑटोमेशन आधारित सेंसर्स विकसित किए जाएंगे।
Published on:
29 Sept 2021 01:33 pm
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