रात के शुरुआती पहर से जमता है माहौल
रात के शुरुआती पहर में कैम्प फायर, राजस्थानी कालबेलिया नृत्य व लंगा पार्टी का जश्न शुरू होता है जो मध्य रात्रि तक चलता है। पर्यटक धोरों पर स्थित होटल्स में बने टेन्ट्स में रात गुजारते हैं, जो काफी रोमांचक अनुभव है। यहां यंगस्टर्स खासतौर पर इन्हीं टेंट्स का लुत्फ लेने पहुंचते हैं। साथ ही विदेशी पावणों के लिए भी ये काफी अनूठा अनुभव होता है।
रात के शुरुआती पहर में कैम्प फायर, राजस्थानी कालबेलिया नृत्य व लंगा पार्टी का जश्न शुरू होता है जो मध्य रात्रि तक चलता है। पर्यटक धोरों पर स्थित होटल्स में बने टेन्ट्स में रात गुजारते हैं, जो काफी रोमांचक अनुभव है। यहां यंगस्टर्स खासतौर पर इन्हीं टेंट्स का लुत्फ लेने पहुंचते हैं। साथ ही विदेशी पावणों के लिए भी ये काफी अनूठा अनुभव होता है।
कई होटलो में नहीं है पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था
ओसियां के धोरो पर करीब एक दर्जन से अधिक धोरा होटल्स स्थित हैं, जिनमें से दो-तीन को छोड़ दें तो बाकी होटल्स में पर्यटकों की सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। कुछ होटल्स में विदेशी नागरिको का सी फॉर्म भी नहीं भरा जाता है।
ओसियां के धोरो पर करीब एक दर्जन से अधिक धोरा होटल्स स्थित हैं, जिनमें से दो-तीन को छोड़ दें तो बाकी होटल्स में पर्यटकों की सुरक्षा व्यवस्था के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। कुछ होटल्स में विदेशी नागरिको का सी फॉर्म भी नहीं भरा जाता है।
मानचाहे दाम ले रहे होटल मालिक
यदि धोरो पर स्थित सभी होटल्स सुरक्षा के सभी मापदंड पूरे करती हैं, तो ओसियां पर्यटक हब बन सकता है। इसमें सरकार की ओर से पर्याप्त सुविधाएं भी अपेक्षित हैं। भरपूर पर्यटक आने के बावजूद ओसियां में आरटीडीसी का कोई होटल नहीं है। इस वजह से कुछ होटल मालिक पर्यटकों से मनचाहे दाम वसूल रहे हैं।
यदि धोरो पर स्थित सभी होटल्स सुरक्षा के सभी मापदंड पूरे करती हैं, तो ओसियां पर्यटक हब बन सकता है। इसमें सरकार की ओर से पर्याप्त सुविधाएं भी अपेक्षित हैं। भरपूर पर्यटक आने के बावजूद ओसियां में आरटीडीसी का कोई होटल नहीं है। इस वजह से कुछ होटल मालिक पर्यटकों से मनचाहे दाम वसूल रहे हैं।