2007 में हाईकोर्ट ने यह दिया था आदेश
19 फरवरी 2007 को महेन्द्र लोढ़ा की ओर से दायर एक जनहित याचिका में जस्टिस एनएन माथुर व जस्टिस माणक मोहता की खण्डपीठ ने जो आदेश दिया था उसके अनुसार शहर में विभिन्न रेलवे क्रॉसिंग व चौराहों पर फ्लोईओवर बनाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही शहर में मौजूद बासनी व मंडोर ओवरब्रिज पर तकनीकी खामियां गिनाई थी। इन खामियों को आदेश की तारीख से दो माह के भीतर दूर करने के आदेश दिए थे। उस समय जोधपुर में यूआईटी था, इसके बाद जेडीए आ गया, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।
19 फरवरी 2007 को महेन्द्र लोढ़ा की ओर से दायर एक जनहित याचिका में जस्टिस एनएन माथुर व जस्टिस माणक मोहता की खण्डपीठ ने जो आदेश दिया था उसके अनुसार शहर में विभिन्न रेलवे क्रॉसिंग व चौराहों पर फ्लोईओवर बनाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही शहर में मौजूद बासनी व मंडोर ओवरब्रिज पर तकनीकी खामियां गिनाई थी। इन खामियों को आदेश की तारीख से दो माह के भीतर दूर करने के आदेश दिए थे। उस समय जोधपुर में यूआईटी था, इसके बाद जेडीए आ गया, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया।
भदवासिया ब्रिज पर जल्द लगेगी रेलिंग
बासनी व मंडोर ब्रिज के बारे में कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं है। भदवासिया ओवरब्रिज पर रेलिंग लगाने के लिए पूर्व में टैण्डर किया था, लेकिन काम करने वाली फर्म ने औपचारिकताएं पूरी नहीं की, इसलिए टैण्डर निरस्त हो गया। अब नए सिरे से टैण्डर किए गए हैं। शीघ्र ही यहां रेलिंग लग जाएगी।
बासनी व मंडोर ब्रिज के बारे में कोर्ट के आदेश की जानकारी नहीं है। भदवासिया ओवरब्रिज पर रेलिंग लगाने के लिए पूर्व में टैण्डर किया था, लेकिन काम करने वाली फर्म ने औपचारिकताएं पूरी नहीं की, इसलिए टैण्डर निरस्त हो गया। अब नए सिरे से टैण्डर किए गए हैं। शीघ्र ही यहां रेलिंग लग जाएगी।
-दुर्गेशकुमार बिस्सा, जेडीए आयुक्त, जेडीए, जोधपुर
Hindi News / Jodhpur / हाईकोर्ट के आदेश तक नहीं माने जोधपुर विकास प्राधिकरण अफसरों ने, बस खड़े कर दिए खामियों के ओवरब्रिज