वहीं सलमान खान तथा अन्य फिल्मी सितारों के खिलाफ चल रहे काले हिरण शिकार मामले में गुरुवार को अभियोजन पक्ष की ओर से अंतिम बहस के दौरान बताया गया कि डॉ. नेपालिया के द्वारा दी गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अभियुक्तों को फायदा पहुंचाने की मंशा थी। इसलिए दुबारा मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया था, जिसमें शिकार की पुष्टि हुई। बाद में डॉ. नेपालिया के खिलाफ वन विभाग ने एफआईआर दर्ज करवाई थी। अभियोजन अधिकारी भवानीसिंह भाटी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (जोधपुर जिला) देवकुमारकुमार खत्री के समक्ष कानूनी धाराओं, न्यायिक दृष्टांतों तथा सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पेश कर अभियुक्तों द्वारा शिकार किए जाने का आरोप दोहराया। अभियोजन पक्ष ने भारतीय वन्यजीव अधिनियम के तहत जांच अधिकारी को दिए गए अधिकारों पर विस्तृत बहस की। समय के अभाव के कारण बहस अधूरी रही। आगे की सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।