शहर के लोगों ने रंगदारी शब्द कभी नहीं सुना
शुरुआत में एएजी राजेश पंवार ने आधिकारियों के माध्यम से शिकायत करते हुए कहा कि प्रेस अदालत की कार्यवाही को ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रही है, इसे रोका जाए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि ‘फस्र्ट ऑफ ऑल डू योर वर्क एंड देन कमेंट अबाउट अदर्स।’ उन्होंने कहा कि आपका मतलब है, प्रेस पर रोक लगा दें। यहां हालात ये हैं कि एक के बाद एक गैंग का नाम सामने आ रहा है। कभी ये गैंग, कभी वो गैंग। रंगदारी जैसे शब्द का नाम तो कभी जोधपुर वालों ने सुना ही नहीं, यूपी बिहार में सुना जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि अपराधी पैसे लेकर लोगों को सुरक्षा दे सकते हैं। यह सब क्या है। जस्टिस माथुर ने गृह सचिव से मुखातिब होते हुए कहा, क्या मैं आप से पूछ सकता हूं कि सरकार इस क्षेत्र के बाशिंदों में अपराधियों का भय दूर करने के लिए क्या प्रयास कर रही है। इस पर गृह सचिव ने कहा कि सिचुएशन ठीक नहीं है। सरकार आम लोगों में प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अपराधी तकनीकी रूप से अधिक सक्षम है व उनका नेटवर्क तोडऩे के लिए भरसक प्रयत्न किए जा रहे हैं। इस पर खंडपीठ ने फिर कहा, इसका मतलब यह है कि गुंडों के पास इस महान सरकार से ज्यादा तकनीकी पावर है।
शुरुआत में एएजी राजेश पंवार ने आधिकारियों के माध्यम से शिकायत करते हुए कहा कि प्रेस अदालत की कार्यवाही को ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रही है, इसे रोका जाए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि ‘फस्र्ट ऑफ ऑल डू योर वर्क एंड देन कमेंट अबाउट अदर्स।’ उन्होंने कहा कि आपका मतलब है, प्रेस पर रोक लगा दें। यहां हालात ये हैं कि एक के बाद एक गैंग का नाम सामने आ रहा है। कभी ये गैंग, कभी वो गैंग। रंगदारी जैसे शब्द का नाम तो कभी जोधपुर वालों ने सुना ही नहीं, यूपी बिहार में सुना जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि अपराधी पैसे लेकर लोगों को सुरक्षा दे सकते हैं। यह सब क्या है। जस्टिस माथुर ने गृह सचिव से मुखातिब होते हुए कहा, क्या मैं आप से पूछ सकता हूं कि सरकार इस क्षेत्र के बाशिंदों में अपराधियों का भय दूर करने के लिए क्या प्रयास कर रही है। इस पर गृह सचिव ने कहा कि सिचुएशन ठीक नहीं है। सरकार आम लोगों में प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। अपराधी तकनीकी रूप से अधिक सक्षम है व उनका नेटवर्क तोडऩे के लिए भरसक प्रयत्न किए जा रहे हैं। इस पर खंडपीठ ने फिर कहा, इसका मतलब यह है कि गुंडों के पास इस महान सरकार से ज्यादा तकनीकी पावर है।
साढ़े नौ बजे बाद बाइकर्स गैंग सड़कों पर खंडपीठ ने गृह सचिव से आमजन में भरोसा कायम करने और कानून व व्यवस्था की स्थिति बहाल करने के लिए तुरंत किए जाने वाले प्रयासों के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि गश्त बढ़ाएंगे। इस पर याचिकाकर्ता महेन्द्र लोढ़ा की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्त अशोक छंगाणी ने कहा कि आप गश्त की बात करते हैं, साढ़े नौ बजे बाद में पुलिस गायब हो जाती है और सड़कों पर बाइकर्स की गैंग आ जाती है। वाहनों के कांच आदि फोडऩे लगती है।
सरकार शॉर्टटर्म व लॉन्ग टर्म प्लान लागू करेगी गृहसचिव ने कहा कि सरकार सभी आवश्यक कदम उठाने जा रही है। शॉर्टटर्म व लॉन्गटर्म प्लान अमल में लाए जा रहे हैं। इसके लिए आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत गश्त मजबूत कराना, बैरियर्स की संख्या बढ़ाना तथा पुलिस थानों में पब्लिक फ्रैंडली वातावारण तैयार करना शामिल है। स्थानीय प्रशासन की ओर से जिस सहायता की जरूरत होगी, वह मुहैया कराई जाएगी। लॉन्गटर्म प्लान के तहत शहर में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी। यह चैबीस घंटे खुला रहेगा। इसके लिए सरकार ने पहले से 25 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी है। विभिन्न स्थानों पर 800 सीसी टीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस पर खंडपीठ ने सुनवाई 3 अक्टूबर तक स्थगित करने व सरकार द्वारा प्रगति रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। सुनवाई के अंत में खंडपीठ ने भी मीडिया से अनावश्यक सनसनी नहीं फैलाने की अपील की।