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संभागीय मुख्यालयों जयपुर,जोधपुर, अजमेर, कोटा और उदयपुर जैसे शहरों में तिरंगा के प्रति लोगों का रुझान कम रहा, जबकि ब्यावर, भीलवाड़ा, नागौर, श्रीगंगानगर जैसे छोटे शहरों ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। टोंक, श्रीगंगानगर, जयपुर ग्रामीण, ब्यावर जैसे शहरों में झंडे ही खत्म हो गए। देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। इसके तहत 13 से 15 अगस्त तक हर घर पर तिरंगा फहराया जाना था। घर-घर तक तिरंगा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने लगातार दूसरे साल डाक विभाग को चुना। 1 अगस्त से देश भर के 1.50 लाख डाकघरों मेें तिरंगा की बिक्री शुरू की गई। डाकघरों में तिरंगा 30 रुपए में उपलब्ध कराया गया। पूरे देश के डाकघरों में तिरंगे की आपूर्ति दिल्ली से की गई। ऐसे में सभी जगह एक ही आकार, रंग और एक जैसे कपड़े का तिरंगा झण्डा लोगों तक पहुंचा। गत वर्ष प्रदेश में 12.65 लाख तिरंगा झंडों की बिक्री हुई थी। इस बार मात्र 8 लाख ही रह गई। पिछले साल जयपुर और जोधपुर में एक-एक लाख से अधिक तिरंगा बिके थे।बॉर्डर के इस पार शांति, लेकिन पाकिस्तान में नजर आ रही ऐसी खतरनाक चीज, जानें पूरा मामला
3 हजार तिरंगा ऑनलाइन बिके
प्रदेश में डाकघरों में 7 लाख 99 हजार 23 तिरंगा झंडों की बिक्री काउंटर से हुई, जबकि 2937 तिरंगा ऑनलाइन बेचे गए। कुल मिलाकर डाक विभाग को 2 करोड़ रुपए की आय हुई। करीब डेढ़ लाख तिरंगा झंडे प्रदेश के डाकघरों में बगैर बिक्री के ही रह गए। टोंक, श्रीगंगानगर, जयपुर ग्रामीण, ब्यावर के डाकघरों में एक भी तिरंगा शेष नहीं बचा। सब बिक गए।
प्रदेश के 5 बड़े व छोटे शहरों में तिरंगा बिक्री बड़े शहर- तिरंगा बिक्री- छोटे शहर- तिरंगा बिक्री
जोधपुर- 23895 नागौर- 45611
अजमेर- 29535 झालावाड़- 41887
कोटा- 30711 भीलवाड़ा- 41646
उदयपुर- 31968 ब्यावर- 36359
जयपुर सिटी- 39622 श्रीगंगानगर- 36772