वे दर्जी का ही काम करते थे लेकिन अब उम्र अधिक हो गई है। श्याम सुंदर के घरवालों ने उनको अभी तक वायरल पोस्ट और उसके साथ उदयपुर कनेक्शन के बारे में नहीं बताया है ताकि उनके कोई टेंशन नहीं हो। यह फोटो करीब दस साल पहले एक विदेशी महिला ने खींची थी। महिला ने भीतरी शहर में खाण्डा फलसा एक मीनार मस्जिद के पास बैठे दर्जी, मोची और पुराने चूल्हे ठीक करने वालों पर जोधपुर की संस्कृति दिखाने के लिए क्लिक किया था। बाद में उसका स्कैच बनाया जो सोशियल मीडिया पर वायरल हो गया।
आ तो श्याम जी काकोसा री फोटो हू श्याम सुंदर के पुत्र अनिल सोलंकी जलदाय विभाग में कार्यरत है। उन्होंने बताया कि शाम को पोस्ट वायरल होते ही गली-मौहल्लों के लोगों के अलावा रिश्तेदारों के फोन आने लग गए हैं। सभी लोग कन्हैयालाल के नाम से वायरल हो रही पोस्ट को लेकर नाराजगी जता रहे थे।
बगैर सोचे समझें फॉरवर्ड, इसलिए होती है नेटबंदी सोशियल मीडिया के दौर में यूजर्स बगैर सोचें समझे पोस्ट और मैसेज फॉरवर्ड करते हैं। सरकार द्वारा बार-बार नेटबंदी का एक कारण यह भी है। श्याम सुंदर के परिजनों का कहना है कि सोशियल मीडिया यूजर्स बगैर किसी जानकारी के उनकी पोस्ट पर अलग-अलग शब्द लिखकर उसे वायरल कर रहे हैं जो गलत है। कुछ वायरल पोस्ट में उनकी गर्दन धड़ से अलग नजर आ रही है। उनके स्कैच पर कन्हैयालाल लिखा है जो गलत है।