जोधपुर

फार्म हाउस पर शराब पार्टी में ड्रग्स तस्करी की रच रहे थे साजिश

– छह साल से फरार 25 हजार रुपए का इनामी सहित तीन वांटेड गिरफ्तार, रसोइए का पीछा करते हुए पहुंची पुलिस

जोधपुरDec 28, 2024 / 12:46 am

Vikas Choudhary

पुलिस हिरासत में फार्म हाउस से पकड़ में आने वाले तीन आरोपी

जोधपुर.
पुलिस महानिरीक्षक रेंज जोधपुर विकास कुमार की साइक्लोनर टीम ने ऑपरेशन मदगवैया के तहत जैसलमेर के भणियाणा गांव के एक फार्म हाउस पर दबिश देकर छह साल से फरार 25 हजार रुपए के इनामी तस्कर और उसके दो साथियों को पकड़ लिया।पुलिस ने भणियाणा गांव में धोरों के बीच बने फार्म हाउस में दबिश दी तब तीनों बदमाश शराब के नशे में चूर होकर जश्न मना रहे थे।
आइजी रेंज जोधपुर विकास कुमार ने बताया कि बाड़मेर जिले के सिणधरी क्षेत्र में होड़ू गांव निवासी जसाराम उर्फ जसराज उर्फ जसिया पाली, चित्तौड़गढ़ व बाड़मेर पुलिस का वांछित है। वह छह साल से फरार था। पाली पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। उसके भणियाणा गांव में एक फार्म हाउस पर हर महीने बैठक करने की सूचना मिली। फार्म का पता नहीं लग पा रहा था। तब फार्म हाउस के रसोइए की फोटो मिली। प्रोपर्टी डीलर बनकर पुलिस ने 15 दिन तक भणियाणा गांव में रसोइए का पता लगाने का प्रयास किया। इस बीच, गुरुवार को कस्बे के बाजार में रसोइया नजर आया। जो एक दुकान से चखना खरीद रहा था। उसका पीछा करते हुए पुलिस फार्म हाउस पहुंची, जहां जसाराम व साथी मौजूद थे।
पुलिस ने फार्म हाउस की घेराबंदी की और दबिश देकर जसाराम (29 वर्ष) पुत्र पीराराम जाट, भणियाणा में रातडि़या गांव निवासी बाबूराम (30 वर्ष) पुत्र सवाईराम जाट और चेतनराम (23 वर्ष) पुत्र देवाराम जाट को पकड़ लिया। कार्रवाई में एसआइ कन्हैयालाल, देवाराम व प्रमित चौहान, हेड कांस्टेबल महेन्द्र कुमार, महीपालसिंह, कांस्टेबल झूमरराम व शेखर कुमार शामिल थे।

गोवा में दबिश दी तो फार्म हाउस का मिला सुराग

जसाराम के निम्बाहेड़ा में छुपे होने का पता लगा तो पुलिस ने दबिश दी, लेकिन आरोपी पहले ही फरार हो गया। वहां से पता लगा कि जसाराम हर दो माह में ड्रग्स तस्करी का जश्न मनाने और पार्टी करने दोस्तों के साथ गोवा जाता है। पुलिस ने गोवा में तलाश की तो उसका एक मित्र साइक्लोनर टीम को मिल गया। उससे पता लगा कि जसाराम अपने तस्करी के कारोबार के बारे में हर महीने भणियाणा गांव के फार्म हाउस पर बैठक करता है। वहां से फार्म हाउस के रसोइए की फोटो मिली थी।

हॉस्टल में नौकरी करते-करते तस्करी की राह पकड़ी

जसाराम 12वीं तक पढ़ा है। शादी के बाद वह हॉस्टल में 15 हजार रुपए मासिक की नौकरी करने लगा था। फिर नौकरी छोड़ वाहन खरीदने-बेचने लग गया था। उसका सम्पर्क कुख्यात तस्कर सरगना खरताराम से हुआ, तो वह तस्करी में लिप्त हो गया था। वर्ष 2021 पाली जिले के नाणा थाना क्षेत्र में पुलिस से घिरने पर खरताराम ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद जसाराम खुलकर तस्करी में लिप्त हो गया था। शुरुआत में वह बाइक की टंकी में अफीम छुपाकरलाता था। फिर उसने चित्तौड़गढ़-मंदसौर और मारवाड़-बीकाणा के तस्करों का गठजोड़ बनाया। वह चार पहिया और फिर ट्रकों में भरकर मादक पदार्थ लाने लगा। कोरोना में तस्करी बढ़ गई थी।

राजनीतिक दबदबे से ड्रग्स तस्करी

बाबूराम की पत्नी जैसलमेर में उप प्रधान रह चुकी है। राजनीतिक दबदबे से वह तस्करी में लिप्त हो गया। वर्ष 2022 में बीकानेर के नाल थाने में अफीम तस्करी के आरोप में पकड़े जाने पर जेल में रहा था। जमानत के बाद फिर तस्करी शुरू कर दी थी। अप्रेल 2014 में जैसलमेर में 11 किलो अफीम जब्त की गई थी, लेकिन बाबूराम फरार हो गया था। चेतनराम भी 11 किलो अफीम तस्करी में साथ था।

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