अगर आप ऐतिहासिक किलों और महलों को देखने और उनके बारे में जानने के शौकीन हैं, तो मेहरानगढ़ किले के बारे में जानना आपके लिए बहुत दिलचस्प होगा। राजस्थान में कई ऐतिहासिक इमारतें, महल और किले हैं, लेकिन जोधपुर का यह मेहरानगढ़ किला सबसे अलग है।
1. मेहरानगढ़ किला राजस्थान के जोधपुर शहर के ठीक बीचों-बीच 125 मीटर की ऊंचाई पर बना है। इसे 1459 में राव जोधा ने बनवाया था। लेकिन इसके निर्माण का कार्य महाराज जसवंत सिंह ने पूरा किया।
2. मेहरानगढ़ किला बहुत सुंदर है। इसमें मोटी दीवारें, बड़े दरवाजे, सुंदर नक्काशी और बड़े आंगन हैं। किले के अंदर कई महल हैं। जैसे मोती महल, फूल महल, शीश महल और जनाना ड्योढ़ी
3. मेहरानगढ़ फोर्ट में सात दरवाजे हैं, जो खास जीत या घटना के लिए बनाए गए हैं। जय पोल (विजय दरवाजा), फतेह पोल और लोहा पोल इनमें से सबसे प्रमुख हैं।
4. मेहरानगढ़ किले में एक संग्रहालय भी है। इस संग्रहालय में पालकिया, हथियार, पेंटिंग्स, कपड़े और संगीत वाद्ययंत्र हैं। यह संग्रहालय राजस्थान की समृद्ध संस्कृति और इतिहास के बारे में जानकारी देता है।
5. यह किला सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय लोक महोत्सव (RIFF) और विश्व पवित्र आत्मा महोत्सव जैसे बड़े आयोजन होते हैं। इन आयोजनों में दुनिया भर से कलाकार और लोग आते हैं।
6. किले की बनावट और ऊंचाई इसे खास बनाती है। इसे कभी भी युद्ध में जीता नहीं जा सका। किले से जुड़ी कई कहानियां हैं। कहा जाता है कि राव जोधा ने एक संत की सलाह पर किले का निर्माण किया था। यह किला एक पुराने मंदिर की जगह पर बना है।
7. मेहरानगढ़ किला पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा स्थानों में से एक है। यहां गाइडेड टूर, ऑडियो गाइड और कई गतिविधियां होती हैं। इतिहास और रोमांच के शौकीनों के लिए यह किला बहुत खास है।
8. मेहरानगढ़ किले में कई बॉलीवुड और हॉलीवुड फिल्म की शूटिंग भी हो चुकी है।
9. मेहरानगढ़ किले के पास ही चामुंडा माता का मंदिर है, मंदिर में मां चामुंडा की प्रतिमा जोधपुर के संस्थापक राव जोधा ने मंडोर से लाकर स्थापित की थी। परिहारों की कुलदेवी चामुंडा को राव जोधा ने भी अपनी इष्टदेवी स्वीकार किया था। जोधपुरवासी मां चामुंडा को जोधपुर की रक्षक मानते है।
10. वैसे तो मेहरानगढ़ किले के 7 ही द्वार (पोल) हैं, लेकिन कहते हैं कि इसका आठवां द्वार भी है, जो रहस्यमय है।