एक नजर में गुरु बालीनाथ तपोस्थली 24 घंटे खुला रहेगा बालीनाथ समाधि मंदिर 62 सीसी टीवी कैमरों से रहेगी नजर 2 लाख से अधिक दर्शनार्थियों के पहुंचने की संभावना 600 से अधिक साल प्राचीन माना जाता है मंदिर
200 फीट- जमीन से ऊंचाई है गुरु बालीनाथ गुफा की 30 फीट गुफा दर्शन स्थल की चौड़ाई 72 सीढि़यों के चढ़ने के बाद होते है गुफा के दर्शन 564 साल पहले राव जोधा ने पहले यहीं पर किला बनाने किया था अवलोकन
2 साल बाद हो रहा है मेले का आयोजन 1000 से अधिक मसूरिया पहाड़ी पर है पक्षियों के घोंसले अनूठे है घोंसले
मसूरिया बाबा बालीनाथ मंदिर की पहाड़ी पर कबूतरों के घोंसले विचित्र एवं अद्भुत है । हजारों की संख्या में कबूतर घोसलों में निवास करते हैं । संध्या के समय जब बड़ी संख्या में कबूतर अपने घोंसलों में लौटते हैं तब नजारा अनूठा होता है ।
मसूरिया बाबा बालीनाथ मंदिर की पहाड़ी पर कबूतरों के घोंसले विचित्र एवं अद्भुत है । हजारों की संख्या में कबूतर घोसलों में निवास करते हैं । संध्या के समय जब बड़ी संख्या में कबूतर अपने घोंसलों में लौटते हैं तब नजारा अनूठा होता है ।
आस्था की प्रतीक नाडी मंदिर की तलहटी में आस्था की प्रतीक परचानाडी भी है जहां मेले में पहुंचने वाले दर्शनार्थी स्नान कर खुद को धन्य मानते हैं।