जोधपुर

1942 में बने प्राचीन दौलत स्नानघर पर मंडरा रहा खतरा

सिवांची गेट क्षेत्र में सार्वजनिक दौलत स्नानघर दुर्दशा का शिकार है। मुख्य द्वार पर मलबा डाल कर रास्ता भी रोका जा रहा है। इसी की आड़ में अतिक्रमी भी मौका देख रहे हैं। यदि सरकार व प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो शहर के बीच यह भवन अतिक्रमण की भेंट चढ़ सकता है।

Mar 05, 2024 / 01:10 pm

योगेंद्र Sen

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शहर के सिवांची गेट क्षेत्र में चतुर सागर तालाब के समीप बना प्राचीन दौलत स्नानघर दुर्दशा का शिकार हो चुका है।

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इसका निर्माण 1942 में किया गया था। तब भामाशाह ने निर्माण करवा जनहित में सौंपा था।

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स्नानघर में लगे नल चोरी हो चुके हैं। रखरखाव के अभाव में भवन जर्जर हो रहा है। कई सालों से इसकी देखरेख तक नहीं हुई है।

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भैरवनाथ आध्यात्मिक एवं पर्यावरण परिषद के एसके बिस्सा ने बताया कि लगातार इस स्नानघर को बचाने के लिए संघर्ष किया जा रहा है।

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जिला कलक्टर, संभागीय आयुक्त से लेकर जनप्रतिनिधियों को पत्र सौंपे गए हैं, लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं दे रहा।

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