प्रतापनगर निवासी 80 वर्षीय बुजुर्ग मदनलाल प्रजापत कहते हैं कि रामायण धारावाहिक प्रसारण के समय जैसे जनता कफ्र्यू लग जाता था। लोग टीवी के सामने जा बैठते थे। आज पूरे विश्व में कोरोना के कारण उपजी प्रतिकूल परिस्थितियों में पूरा परिवार फिर एक साथ टीवी के सामने नजर आया। इससे नई पीढ़ी को भी रामायण के विभिन्न पात्रों के बारे में जानकारी हो सकेगी।
आडा बाजार कुम्हारिया कुआं क्षेत्र निवासी ओमप्रकाश गुडग़ीला ने बताया कि अब इसे कुछ लोग मजबूरी समझे या परमात्मा की लीला कि हम फिर से टीवी के सामने बैठकर नब्बे के दशक की रामायण एक बार फिर पूरे परिवार के साथ देख रहे हैं। चौपासनी क्षेत्र निवासी रामजी व्यास ने बताया कि करीब 33 साल पहले जब परिवार के साथ देखते थे तब ऐसा लगता था हम उस रामायण के युग में जी रहे हैं। आज सीरियल देखा तो वही माहौल एक बार फिर बना है।
जोधपुर में हुआ था सम्मान
धारावाहिक रामायण के सभी पात्र नब्बे के दशक में जोधपुर आए तो पूरे शहरवासियों ने उनके स्वागत में पलक पांवड़े बिछा दिए थे। कार्यक्रम में शामिल तेजराज शर्मा ने बताया कि शहर के बरकतुल्लाह स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में दारासिंह, अरूण गोविल, दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी, अरविन्द त्रिवेदी, जयश्री गड़कर आदि ने विशाल मंच पर रामायण के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत किया था।
धारावाहिक रामायण के सभी पात्र नब्बे के दशक में जोधपुर आए तो पूरे शहरवासियों ने उनके स्वागत में पलक पांवड़े बिछा दिए थे। कार्यक्रम में शामिल तेजराज शर्मा ने बताया कि शहर के बरकतुल्लाह स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में दारासिंह, अरूण गोविल, दीपिका चिखलिया, सुनील लहरी, अरविन्द त्रिवेदी, जयश्री गड़कर आदि ने विशाल मंच पर रामायण के विभिन्न प्रसंगों को जीवंत किया था।