सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्यवेश ने बताया कि देश की आजादी, बहन-बेटियों की रक्षा व उत्थान में आर्य समाज की मुख्य भूमिका है। शहीदे आजम भगतसिंह की देन है। भगतसिंह का पूरा परिवार आर्य समाज को मानता था। भगतसिंह के विचारों में भी आर्य समाज की झलक मिलती थी। सम्मेलन में भगतसिंह के भतीजे किरणजीत भी आएंगे। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने सबसे पहले महिलाओं के अधिकारों की वकालत की थी। महिलाओं की शिक्षा, सती प्रथा पर रोक, बाल विवाह कुरीति, छुआछूत मिटाने सहित कई आंदोलन उनकी ही देन रहे। आर्य समाज ने ही वर्ष 2005 में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मूद्दे को उठाया व जन-जन तक पहुंचाया। बाद में, वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस मुद्दे को शामिल किया।
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समलैंगिक विवाह नैतिक रूप से सही नहीं सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्यवेश ने कहा कि विवाह स्त्री-पुरुष की नैतिक संतानोत्पति का अधिकार है। जबकि समलैंगिक कानून नैतिक रूप से सही नहीं है। भारत संस्कारों व संस्कृति का देश है, यहां लिव-इन-रिलेशनशिप से भी माहौल खराब हो रखा है। जिस पर सभी को ध्यान देने की जरुरत है।
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दयानंद सरस्वती के संदेश घर-घर पहुंचाएंगे
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दयानंद सरस्वती के संदेश घर-घर पहुंचाएंगे
आर्यवेश ने जोधपुर में अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर कहा कि जाति के नाम पर समाज को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। सम्मेलन के माध्यम से नशामुक्त भारत व दयानंद सरस्वती के संदेशों को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा।
————— सम्मेलन में 70 से अधिक संत लेंगे भाग
मिशन आर्यवृत संयोजक, आर्य सम्मेलन संयोजक व युवा सन्यासी स्वामी आदित्यवेश ने भी समलैंगिक विवाह को गलत बताया, उन्होंने कहा कि इससे समाज का स्तर नीचे गिरेगा। सम्मेलन को लेकर उन्होंने कहा कि सम्मेलन में देश-विदेश से 70 से अधिक प्रमुख संत-सन्यासी भाग लेंगे। जिनमें भारत में सबसे ज्यादा गुरूकुल स्थापित करने वाले प्रणवानंद सरस्वती, हरियाणा में शराबबंदी आंदोलन के नेता रामवेश, आर्य समाज के सर्वोच्च सभा के महामंत्री प्रो. विटठल राव आर्य हैदराबाद आदि भाग लेंगे।
मिशन आर्यवृत संयोजक, आर्य सम्मेलन संयोजक व युवा सन्यासी स्वामी आदित्यवेश ने भी समलैंगिक विवाह को गलत बताया, उन्होंने कहा कि इससे समाज का स्तर नीचे गिरेगा। सम्मेलन को लेकर उन्होंने कहा कि सम्मेलन में देश-विदेश से 70 से अधिक प्रमुख संत-सन्यासी भाग लेंगे। जिनमें भारत में सबसे ज्यादा गुरूकुल स्थापित करने वाले प्रणवानंद सरस्वती, हरियाणा में शराबबंदी आंदोलन के नेता रामवेश, आर्य समाज के सर्वोच्च सभा के महामंत्री प्रो. विटठल राव आर्य हैदराबाद आदि भाग लेंगे।
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