जोधपुर

Air Pollution: अब घर से बाहर निकलना ‘खतरनाक’, सतही ओजोन से टेंशन में साइंटिस्ट

Jodhpur Air Pollution: जोधपुर शहर में तेज हवा से एक्यूआई 150 के नीचे आया, लेकिन ओजोन का स्तर 100 के पार पहुंचा, यह लोगों की सेहत के लिए नुकसानदायक

जोधपुरNov 21, 2024 / 10:11 am

Rakesh Mishra

Jodhpur News: जोधपुर में बीते दो-तीन दिन से तेज उत्तरी हवा बहने से बुधवार को शहर की आबोहवा ताजा हो गई। कई दिनों बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 150 के नीचे आकर औसतन 132 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया, लेकिन बुधवार को शहर में सतही ओजोन का स्तर बढ़ गया, जो वाहनों के धुएं से निकलने वाले कार्बनिक पदार्थों के कारण होता है।
ओजोन गैस अत्यधिक क्रियाशील होती है। इसकी वजह से श्वसन तंत्र की बीमारियां, अस्थमा, सीओपीडी, ब्रोंकाइटिस पैदा होता है। वायरस और बैक्टिरिया संक्रमण के बगैर लगातार खांसी आना ओजोन के कारण है। वर्तमान में जोधपुर में वायरल बुखार तेजी से फैल रहा है, जिसमें लगातार खांसी, बुखार और जोड़ों का दर्द बना रहता है। मौसम के साथ अब वायु प्रदूषण भी लोगों को बीमार करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की ओर से शहर में पांच स्थानों कलक्ट्रेट, मण्डोर, झालामण्ड, डिगाड़ी कलां और चौपासनी हाउसिंग बोर्ड स्थित अशोक उद्यान में रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम लगा हुआ है। यह हवा में मौजूद विभिन्न प्रकार के प्रदूषक तत्वों का मापन करता है। इसमें पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 10 और पीएम 2.5) सल्फर डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, अमोनिया, सतही ओजोन, बैंजीन, टालुइन, जाइलीन, तापमान, आद्र्रता सहित अन्य वायु कारक शामिल हैं।

सर्वाधिक प्रदूषण पार्टिकुलेट मैटर और सतही ओजोन का

जोधपुर सहित आसपास के हिस्सों में सर्वाधिक प्रदूषण पार्टिकुलेट मैटर का रहता है। ये धूल, कार्बन, धुएं और अन्य धातुओं के महीन कण हैं, जो हवा व नमी में एयरोसॉल के रूप में तैरते रहते हैं। प्रदूषण मण्डल 10 माइक्रोमीटर से कम (पीएम 10) और 2.5 माइक्रोमीटर से कम (पीएम 2.5) पार्टिकुलेट मैटर का मापन करता है। अब दूसरा बड़ा प्रदूषक तत्व सतही ओजोन के रूप में सामने आ रहा है। बुधवार को शहर में दूसरा सबसे बड़ा प्रदूषक तत्व सतही ओजोन रही। वाहनों और उद्योगों के धुएं से निकलने वाले कार्बनिक पदार्थों के साथ सूरज की पराबैंगनी विकिरणों की रासायनिक क्रिया से सतही आजोन पैदा होती है।

दिन में सतही ओजोन का प्रदूषण अधिक

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 8 घंटे में सतही ओजोन 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। सतही ओजोन गैस दिन में अधिक बनती है। गर्मियों में इसका स्तर अधिक रहता है, लेकिन अब सर्दियों में ओजोन अधिक रहने से वैज्ञानिक भी चिंतित हैं।
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