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खास बात यह है कि इस दिन दोपहर में एक पल ऐसा भी आएगा, जब परछाई भी मनुष्य और दूसरे जीवित प्राणियों का साथ छोड़ देगी। इस दिन 12 घंटे की जगह 14-15 घंटे का दिन होता है। इसके बाद दिन घटना शुरू हो जाएगा। पं. अनीष व्यास के अनुसार, पृथ्वी की परिक्रमा के कारण 21 जून के बाद दिन की अवधि घटने लगती है और रात की अवधि बढ़ने लगती है। फिर 21 सितंबर को ऐसा समय आता है, जब दिन और रात की अवधि बराबर हो जाती है। इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने लगती है और दिन की अवधि घटने लगती है।
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