जोधपुर

success story: किसान का बेटा खेत में पढ़कर बना कॉलेज प्रोफेसर

बचपन में मां संसार को छोड़कर चली गई और कुछ समय बाद पिता का साया भी उठ गया। इसके बाद चाचा-ताऊ ने पाल-पोसकर बड़ा किया। परिजनों के साथ खेती-बाड़ी में हाथ बंटाते हुए खेजड़ी के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई की। माली हालत अच्छी नहीं होने से न कोई महंगी कोचिंग मिली और न ही आधुनिक लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ने का मौका मिला। फिर भी अपनी मेहनत के बल पर गांव के एक गरीब किसान के बेटे ने कॉलेज शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर अपने दिवंगत माता-पिता के सपना को पूरा करने में सफलता हासिल की।

जोधपुरMar 09, 2024 / 07:29 pm

hanuman galwa

success story: किसान का बेटा खेत में पढ़कर बना कॉलेज प्रोफेसर

भोपालगढ़. बचपन में मां संसार को छोड़कर चली गई और कुछ समय बाद पिता का साया भी उठ गया। इसके बाद चाचा-ताऊ ने पाल-पोसकर बड़ा किया। परिजनों के साथ खेती-बाड़ी में हाथ बंटाते हुए खेजड़ी के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई की। माली हालत अच्छी नहीं होने से न कोई महंगी कोचिंग मिली और न ही आधुनिक लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ने का मौका मिला। फिर भी अपनी मेहनत के बल पर गांव के एक गरीब किसान के बेटे ने कॉलेज शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर अपने दिवंगत माता-पिता के सपना को पूरा करने में सफलता हासिल की।
यह किसी फिल्म या सीरियल की बनावटी कहानी नहीं होकर भोपालगढ़ क्षेत्र के नाड़सर गांव निवासी गरीब परिवार से निकले युवा आदेशराम भडियार के संघर्षों की सच्ची कहानी है। जिसने बचपन में ही मां-बाप का साया उठ जाने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत के बल पर सरकारी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का मुकाम हासिल किया। साथ ही आदेश ने गुरुवार को राज्य सरकार के आदेश पर भोपालगढ़ के श्रीपरसराम मदेरणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वाणिज्य विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यग्रहण किया और इस दौरान संघर्षों में उसके साथ खड़े चाचा-ताऊ भी मौजूद रहे तथा बेटे की सफलता को देख उनकी आंखें भी हम हो गई।
शिक्षक रामप्रकाश भडियार ने बताया कि भोपालगढ़ क्षेत्र के नाड़सर गांव निवासी आदेशराम भडियार पुत्र रामप्रसाद चौधरी का कॉलेज शिक्षा विभाग राजस्थान के लिए आरपीएससी की ओर से आयोजित वाणिज्य संकाय के व्यावसायिक प्रशासन विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती में गत 10 नवम्बर 2023 को चयन हुआ था। जिसके बाद 6 मार्च को राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा जयपुर की ओर से नियुक्ति आदेश जारी किए गए। जिस पर अदेशराम ने गुरूवार को भोपालगढ़ के श्रीपरसराम मदेरणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में व्यावसायिक प्रशासन विषय के सहायक आचार्य पद पर कार्यग्रहण किया और महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. हरजीतसिंह ने स्वागत किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. पूंजाराम इनकेश्वर, डॉ. रामकिशोर जांगीड़, दीनाराम छाबा व सुमन भेरी के साथ ही आदेश के चाचा-ताऊ रामनिवास भडियार, रामप्रकाश भडियार, बहन सुमिता व नरेश सांगवा, भाई रामवल्लभ, धर्मवीर, राजेन्द्र, रामवतार, सीताराम, धर्मवीर, राजेंद्र, रामप्रताप गोदारा, सीता, एडवोकेट महेंद्र डूडी, ओमप्रकाश काजलिया, महेन्द्र जलवाणिया, राजेंद्र जलवाणिया व महाविद्यालय के सभी स्टाफ सदस्य भी मौजूद थे।
इस दौरान नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर आदेशराम भडियार ने कहा कि ईश्वर व गुरुदेव की कृपा, माता-पिता व परिजनों के आशीष व उसकी कड़ी मेहनत के बल पर उन्हें यह मुकाम मिला है। अब उनकी यही प्राथमिकता रहेगी कि जिन परिस्थितियों में उन्हें संघर्ष करना पड़ा, वह संघर्ष किसी और को नहीं करना पड़े। इसके लिए वे सदैव प्रयास करेंगे। साथ ही गांव के गरीब विद्यार्थियों को बड़े कोचिंग संस्थानों से बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने में भी योगदान करेंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को निशुल्क श्रेष्ठ शिक्षा मिल सके।
ऐसा रहा आदेश का संघर्ष
भोपालगढ़ क्षेत्र के नाड़सर गांव निवासी एवं एसपीएम कॉलेज भोपालगढ़ में असिस्टेंट प्रोफेसर बने आदेशराम भडियार को यहां तक पहुंचने के लिए अपने जीवन में बेहद संघर्ष करना पड़ा। जन्म के कुछ समय बाद ही मां का निधन हो गया और इसके कुछ वर्षों बाद पिता का साया भी उठ गया। लेकिन चाचा-ताऊ ने उसकी पढ़ाई जारी रखी और नाड़सर गांव से 12वीं पास करने के बाद जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से बीकॉम भी करवाई। यहां तक कि उसे पढ़ने के लिए जयपुर भी भेजा। जिसके बाद उसने बीएड व अन्य डिग्री हासिल करते हुए बिना कोचिंग के 6 बार नेट परीक्षा क्वालीफाई करने के साथ ही सीटेट भी कर रखी है। साथ ही जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय एवं नागौर के बलदेवराम मिर्धा राजकीय पीजी कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में 6 वर्ष का अध्यापन अनुभव भी है। आखिरकार उसकी मेहनत रंग लाई और हाल ही में उसका कॉलेज शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन हुआ है।
यह है आदेश का संदेश
नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर अदेशराम भडियार का कहना है कि वे इस पद पर रहते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए हर एक गतिविधि में शामिल होकर उनका शारीरिक व मानसिक विकास करने में योगदान देंगे। क्योंकि आज के समय में इंटेलेक्चुअल इंटेलिजेंस की जगह इमोशनल इंटेलिजेंस बहुत जरूरी है। इसके बिना एक बहुत ही होशियार विद्यार्थी भी जीवन में सफल नहीं हो पाता है और इसी वजह से बड़े-बड़े कोचिंग संस्थानों में बच्चों की आत्महत्या करने जैसी घटनाएं सामने आ रही है। इसके लिए विद्यार्थियों को बिना कोई मानसिक तनाव लिए अपना अध्ययन करना चाहिए।

Hindi News / Jodhpur / success story: किसान का बेटा खेत में पढ़कर बना कॉलेज प्रोफेसर

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.