जोधपुर

मां को कड़ी मेहनत करते देखा और फिर जज्बे से पाया मुकाम

मां को हमेशा कड़ी मेहनत करते देखती थी,तो लगता था मुझे भी कोइ काम शुरू करना चाहिए
पत्रिका पहल : सैकंड इंकम स्वाति शर्मा

जोधपुरAug 11, 2021 / 11:30 am

Nandkishor Sharma

मां को कड़ी मेहनत करते देखा और फिर जज्बे से पाया मुकाम

NAND KISHORE SARASWAT
जोधपुर. मैं स्वाति शर्मा जोधपुर में रहती हूं। कोरोनाकाल की प्रथम लहर में मेरे पति की कंपनी के प्रॉडक्ट की बिक्री भी कम हो गई । परेशानी का दौर देखकर मैने हिम्मत से सिल्वर ज्वैलरी का बंद पड़ा काम पुन: शुरू करने की ठान ली। वर्चुअल एक्जीबिशन के माध्यम से मेरे ओर से तैयार करवाए गए चांदी की ज्वैलरी की बिक्री होने लगी। इसके लिए मैने मिनिमम प्रॉफिट में व्यापार करने का निर्णय लिया। इस वजह से लोगों को घर बैठे लेटेस्ट डिजाइन के गहने मिलने लगे। मेरे कार्य के विस्तार के साथ साथ अन्य बेरोजगार महिलाओं को भी माला पिरोने का काम देने से मेरे साथ ही उनके घर की आय में भी वृद्धि होने लगी।
परिवार को श्रेय सिल्वर ज्वैलरी के क्षेत्र में अपने व्यापार को बढ़ाने का पूरा श्रेय मैं अपने परिवार को देती हूँ । दरअसल मेरी मां भी हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्ट का व्यापार करती थी। बचपन से ही मां को हमेशा कड़ी मेहनत करते देखती थी,तो लगता था मुझे भी कोइ काम शुरू करना चाहिए जो कि आगे चलकर मुझे नई दिशा दे सके। शुरुआती दौर में वर्ष 2008 में मैने मां के हैंडीक्राफ्ट के चुनिंदा कस्टमर्स को सिल्वर ज्वैलरी बेचना शुरू किया था। शुरूआत में सब हंसते थे कि एक एक आइटम बेचकर कब तक कमाना चाहोगी। मगर पापा और मां ने हिम्मत बंधाई और कभी हताश नहीं होने दिया। सालाना टर्न ओवर 40 से45 लाख जब मेरी शादी हुई तब कुछ समय के लिए मेरा ज्वेलरी का काम बंद हो गया था। समय के साथ जरूरतें भी बढी है। मैने सोचा मैं अगर अपने अंदर की उद्यमी को तैयार कर सकूं तो अपने साथ अन्य महिलाओं को भी रोजगार देकर अपना और उनका परिवार चलाने में सहयोगी बन सकूंगी। मैंने 2016 में पुन: छोटे से स्तर पर सिल्वर ज्वैलरी का काम शुरू किया था । एकबारगी तो कोरोनाकाल में सब कुछ खत्म होता नजर आया। तब भी मैने मम्मी, पापा ,और पति के आश्वासन से अपने मोबाइल पर वर्चुअल एक्जीबिशन की सहायता से काम शुरू किया तो मुझे आर्डर मिलने लगे ।मेरा सिल्वर ज्वेलरी व्यवसाय का टर्न ओवर 40 से45 लाख सालाना हो चुका है और आशा है अपने साथ साथ अन्य कारीगरों की मेहनत से अपने काम को देश विदेशों तक पहुंचाने में सफल हो सकूंगी।
शुद्धता, क्वालिटी और कम प्राफिट

मैने अपने प्रोडक्ट को मार्केट में लाने का पहला संकल्प यही किया कि ग्राहको को शुद्ध व क्वालिटी प्रॉडक्ट मिले। आज मेरे प्रॉडक्ट की साख इसीलिए बन गई कि क्वालिटी श्रेष्ठ है।
कुछ और भी महिलाओं को ज्वेलरी कारीगरी भी सिखा रही हूँ । अपनी खुद की डिजाईन तैयार करती हूं। ठाकुरजी की कृपा से आज मेरा व्यापार लाखो तक आगे बढ रहा है। मै अपने कार्य से बहुत कुछ सीख भी रही हूँ और बहुतों को काम सिखा रही हूं और सिखाना चाहती हूँ ।वकील बनने की थी चाहत मैंने ज्वेलरी व्यवसाय शुरू करने के पहले एलएलबी की पढाई की। सोंचा लॉयर बनकर पीडि़त महिलाओं को नि:शुल्क न्याय दिलाऊंगी। लेकिन किस्मत सिल्वर ज्वैलरी व्यवसाय शुरू करना था। देखते ही देखते व्यापार की तरफ कदम बढते गये। फिलहाल उसी को विस्तार करने में जुटी हूं।
ऐसे बढ़ी 15 माह में प्रगति की रफ्तार

शुरुआती दौर में हमेशा ही लगता था पेमेन्ट अगर समय पर नहीं मिला तो आगे काम कैसे होगे। कोरोनाकाल में जब पहली त्रैमासिक बिक्री 55 हजार तक पहुंची तो विश्वास में बढ़ोतरी हुई। यह क्रम छह माह में बढ़कर 80 हजार तक पहुंचा। कोविडकाल में व्यवसाय का सफ र मुश्किल जरूर था पर लेकिन लगन और बुलंद हौसलों के साथ क्रम बढ़कर वर्तमान में 40 लाख तक पहुँच गया ।
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जज्बा : किसी भी महिला को अगर कुछ कर दिखाना है तो सबसे पहले अपने अंदर की उद्यमिता को पहचानना होगा। जो भी करने में सक्षम हो उसकी तरफ कदम बढाने आरम्भ करें । 10
सीख : अगर व्यापार में नुकसान ज्यादा और कमाई कम होने लगे तो उसमें अपनी गलती को समझे और उसमें नया कुछ करके दिखाए । समय के साथ प्रोडक्ट को मार्केट में पेश करे। 20
शुरुआत : महिलाओं को घर बैठे बहुत काम मिल सकता है।मोबाईल के माध्यम से सोशल मीडिया ग्रुप में प्रॉडक्ट बेच सकती है। वर्चुअल एक्जीबिशन से अपने को जोड़ कर रखे। 20

गुणवत्ता : अपने आपको क्वालिटी प्रॉडक्ट की जानकारी देने के लिए तैयार रखें ।कोरियर कम्पनियों की जानकारी रखें । कौन सा कोरियर हमारा प्रॉडक्ट सुरक्षित तरीके ग्राहक तक समय पर पहुंचाने में सक्षम है। यह सब जानकारी रखते हुए उनसे सम्पर्क करें। 30
मार्केटिंग
घर परिवार के सदस्यों का काम समय पर करते रहे और अपने काम में उनको साथ रखने से घर और बाहर दोनो सहायक सिद्ध होते हैं । 20

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