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परिवादी के पैतृक कब्जाशुदा दो भूखण्ड हैं। इनके पट्टे जारी करवाने के लिए उसने कार्यवाहक सरपंच सेठाराम से सम्पर्क किया था। उसने पट्टे के बदले 55 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। इस संबंध में परिवादी ने 7 जून को एसीबी से शिकायत की थी। 8 जून को एसीबी ने गोपनीय सत्यापन करवाया तो रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। तब ट्रैप कार्रवाइ्र की गई। परिवादी को रिश्वत राशि लेकर बालेसर में बस स्टैण्ड पर चाय की थड़ी के पीछे बुलाया, जहां सरपंच ने बतौर रिश्वत 53 हजार रुपए लिए। इशारा मिलते ही एसीबी ने दबिश देकर सरपंच सेठाराम को पकड़ लिया। उसके हाथ से रिश्वत राशि बरामद की गई।
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औरों ने भी रुपए दिए तब पट्टे जारी किए गए 8 जून को गोपनीय सत्यापन के दौरान परिवादी के आग्रह पर कार्यवाहक सरपंच 55 हजार रुपए की जगह 53 हजार रुपए लेने पर सहमत हुआ था। एसीबी का कहना है कि सरपंच 10-15 पट्टे जारी करवा चुका है। ऐसे में उसने कहा कि कि गांव के कुछ और लोगों के भूखण्ड के पट्टे बनाए थे और बदले में रुपए लिए थे।