देसी-विदेशी पर्यटकों को भी तपोभूमि दर्शन का लाभ मिलेगा। सैनाचार्य ने कहा कि रोप-वे लगाने के ऐतिहासिक कार्य का संत समाज स्वागत करता है। सरकार व प्रशासन लाखों लोगों के आस्था स्थल की मर्यादा और परम्परा के साथ स्वच्छता सुनिश्चित करते हुए रोप-वे के निर्माण से कोई दिक्कत नहीं है। चांदपोल बड़ा रामद्वारा के संत हरिराम शास्त्री, चांदपोल जूना रामद्वारा के संत अमृतराम रामस्नेही ने कहा कि सिद्धनाथ तपोभूमि जोधपुर के जन-जन के हृदय में बसी है।
संतों के अनुयायियों में अधिकांश संख्या बुजुर्गों की है। संतों की बरसी पर हर साल देश भर के हजारों साधु-संतों का समागम होता है। रोप-वे लगाने से सभी को राहत मिलेगी और नई पीढ़ी का भी जुड़ाव होगा। जूना खेड़ापति मंदिर महंत रुद्र गिरि ने कहा कि रोप-वे सिद्धनाथ धाम में संचालित सेवा प्रकल्प और धार्मिक गतिविधियों में सहयोगी साबित होगा।