जोधपुर

डेढ़ साल के इंतजार के बाद आखिर सिद्धनाथ मंदिर रोप-वे के लिए मिली फोरेस्ट क्लीयरेंस, अब इसकी अनुमति बाकी

सिद्धनाथ मंदिर को धार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए करीब डेढ़ साल पहले जोधपुर विकास प्राधिकरण की ओर से रोप-वे प्रोजेक्ट की रूपरेखा बनाई गई। इसे पीपीपी मोड पर बनाना तय हुआ। लेकिन वन भूमि होने के कारण जमीन का टाइटल परिवर्तन करवाना जरूरी हो गया था।

जोधपुरFeb 17, 2020 / 03:29 pm

Harshwardhan bhati

डेढ़ साल के इंतजार के बाद आखिर सिद्धनाथ मंदिर रोप-वे के लिए मिली फोरेस्ट क्लीयरेंस, अब इसकी अनुमति बाकी

अविनाश केवलिया/जोधपुर. शहर के पहले रोप-वे प्रोजेक्ट को अब पंख लग सकते हैं। केन्द्र सरकार की ओर से डेढ़ साल से अटकी पड़ी फोरेस्ट क्लीयरेंस जारी कर दी गई है। इसके तहत 0.89 हेक्टेयर भूमि को वन भूमि से परिवर्तन कर दिया गया है। अब राज्य सरकार की इनवायरमेंट समिति से ईसी की जरूरत होगी। इधर, जिला प्रशासन की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए संबंधित फर्म को लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है।
सिद्धनाथ मंदिर को धार्मिक पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए करीब डेढ़ साल पहले जोधपुर विकास प्राधिकरण की ओर से रोप-वे प्रोजेक्ट की रूपरेखा बनाई गई। इसे पीपीपी मोड पर बनाना तय हुआ। लेकिन वन भूमि होने के कारण जमीन का टाइटल परिवर्तन करवाना जरूरी हो गया था।
जिला प्रशासन ने जरिये राजस्थान सरकार फोरेस्ट क्लीयरेंस व जमीन को हस्तांतरित करने के लिए आवेदन किया था। इस पर डेढ़ साल तक मंथन चलता रहा, इस दौरान कई बार दिल्ली और प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने मौका मुआयना भी किया। पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से डेढ़ साल के लम्बे इंतजार के बाद सशर्त सहमति जारी की गई है।
आपत्तियां भी मांगी गई
जेडीए के अधीक्षण अभियंता महेन्द्र सिंह ने बताया कि इसी स्वीकृति के कारण पिछले लम्बे समय से निर्माण नहीं हो रहा था। अब जिला कलक्टर की ओर से इस जमीन पर आपत्तियां भी मांगी गई हैं। कुछ आपत्तियां सामने आई जिनका निस्तारण किया जा रहा है। अब जो निर्माण फर्म को लाइसेंस जारी किया गया है उसमें दो साल में यह निर्माण पूरा करना है।
अब आगे क्या
फोरेस्ट क्लीयरेंस मिलने के बाद अब राज्य सरकार की पर्यावरण समिति से एनवायरमेंट क्लीयरेंस की जरूरत रहती है। हालांकि यह ईसी जल्द ही मिलने की संभावना है। इसके बाद ही निर्माण शुरू हो सकेगा।
एक नजर में रोप-वे प्रोजेक्ट
– डेढ़ साल पहले प्रोजेक्ट बना।
– 0.89 हेक्टेयर फोरेस्ट जमीन परिवर्तन की सहमति मिली है।
– 487 मीटर कुल रोप-वे की लम्बाई होगी।
– 12 करोड़ इसकी लागत आ सकती है।

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