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जोधपुर

RGHS योजना : इतनी दुकानों ने दवाइयां देना किया बंद, जानिए पेंशनधारकों पर बढ़ रहा कितना बड़ा खतरा

RGHS Scheme : राजस्थान गर्वमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) योजना में सरकारी कर्मचारी व पेंशन धारकों को दवाइयां दी जाती थी, लेकिन पिछले कुछ माह से निजी दवा दुकान संचालकों ने दवाइयां देना बंद कर दिया है। ऐसे में कई पेंशनधारक दवाइयों को छोड़ने लगे हैं।

जोधपुरDec 29, 2023 / 01:30 pm

Rakesh Mishra

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RGHS Scheme : राजस्थान गर्वमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) योजना में सरकारी कर्मचारी व पेंशन धारकों को दवाइयां दी जाती थी, लेकिन पिछले कुछ माह से निजी दवा दुकान संचालकों ने दवाइयां देना बंद कर दिया है। ऐसे में कई पेंशनधारक दवाइयों को छोड़ने लगे हैं। क्रोनिक डिजीज वाले मरीज जिनको नियमित दवाई लेना जरूरी होता है, ऐसे लोगों की यदि एक सप्ताह से ज्यादा दवाई बंद रहती है तो इनमें रिबाउंड फिनोमिना काम करता है। इससे बीपी-शुगर साधारण लेवल से भी काफी ऊपर तक जा सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसे मामलों में कई बार जान का खतरा भी पैदा हो सकता है। जानकारी के अनुसार जोधपुर में 250 दुकानों ने आरजीएचएस योजना से दवाइयां देने बंद कर दिया है।
क्या है रिबाउंड फिनोमिना
जब ब्लड प्रेशर या शुगर जैसी बीमारी स्वाभाविक रूप से बढ़ती है तो उसे दवाइयों से रोकने के लिए नियमित गोली शुरू की जाती है। डॉक्टर अपने हिसाब से प्रिस्क्राइब करता है, लेकिन जब कई दिन तक नियमित दवाई बंद रहती है तो बीपी-शुगर का लेवल दोगुना तक बढ़ जाता है। उसका कारण है कि इन बीमारियों को दवाइयों से बांध कर रखा जाता है। जब एक दम से यह आंकड़ा बढ़ता है तो उसे रिबाउंड फिनोमिना कहते हैं। कई बार इंसानी शरीर इसे झेल नहीं पाता और मृत्यु की स्थिति भी हो सकती है।
केस 1 – शिक्षा विभाग से रिटायर्ड टीचर हैं। उम्र करीब 64 साल है। पिछले आठ साल से ब्लड प्रेशर की मरीज हैं। आरजीएचएच की दवाइयां नहीं मिल रही है तो अपनी रुटीन दवाई रेगुलर नहीं रख पाई। एक दुकान के बाहर दवाई के लिए पूछताछ करने आई तो उन्होंने यह बात बताई।
केस 2- चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में रहने वाले यह बुजुर्ग करीब 70 साल के हैं। पिछले 15 साल से शुगर व बीपी की दवाई ले रहे हैं। दवाई हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र से ही लाते थे। आरजीएचएस में बजट नहीं मिला व दवाइयां बंद हुई तो बीच में 15 दिन दवाइयां नहीं ली। अब दो दिन पहले फिर दवाइयां शुरू की गई है।
दवाइयां बंद तो खतरा दोगुना
यदि दवाइयां देकर किसी का ब्लड प्रेशर 150 से 120 तक लाया गया है और उसने दवाइयां अनियमित कर दी तो यह आंकड़ा वापस 150 तक नहीं आएगा, बल्कि 200 तक पहुंच सकता है। लापरवाही के कारण यह खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है। शुगर की दवाई को बंद करते हैं तो बेस लाइन से काफी आगे खतरा होता है।
– डॉ. पवन सारडा, प्रोफेसर, कार्डियोलॉजी विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज, जोधपुर
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ज्यादा दिन स्किप किया तो खतरा
क्रोनिक बीमारी जिसमें शुगर, बीपी और गंठिया है, तो ऐसी बीमारियों में दवा ङ्क्षजदगी भर लेनी होती है। शुगर या बीपी का लेवल फ्लक्चवेट करता है। यदि 7 दिन से ज्यादा कोई लगातार दवाइयां स्किप करता है तो उसके शरीर पर खतरा हो सकता है। वैसे तो एक-दो दिन से ज्यादा दिन भी स्किप करना कई लोगों के शरीर पर प्रभाव डालता है।
– अरविंद कुमार जैन, प्रोफेसर व हेड मेडिसिन, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज, जोधपुर

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