वहीं अगर भ्रमण किया गया है तो सर्दी, जुकाम के लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी चिकित्सा संस्थान में परामर्श लें। किसी भी प्रकार की जानकारी एवं सहायता के लिए कार्यालय के कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 02925 299110 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
जयपुर में विशेषज्ञों की आपात बैठक के बाद सोमवार को भोपाल प्रयोगशाला से विशेषज्ञ वैज्ञानिक डॉ. मनोज व जोधपुर की प्रयोगशाला के डॉ. विठलेश फलोदी के खीचन पहुंचे और यहां उन्होंने कुरजां के सभी पड़ाव स्थलों से कुरजां की बीट और तालाब के पानी से सैम्पल एकत्र किए। विशेषज्ञों ने तालाब पर करीब तीन घंटे रहकर कुरजां की गतिविधियों आकलन किया।
बीमार कुरजां के सम्पर्क में आने वालों के भी सैंपल
बर्ड फ्लू की आशंका के बीच बीमार कुरजां के सम्पर्क में आने वाले पक्षी प्रेमियों, पशु चिकित्सकीय टीम व वनकर्मियों के सैम्पल भी लिए गए। मेडिकल टीम ने कुल 17 जनों के सैम्पल लिए और जांच की प्रक्रिया शुरू की। गत 15 से 20 दिसम्बर तक खीचन में बीमार हुई डेमोसाइल क्रेन को रेस्क्यू कर ले जाने और फिर उपचार करने वाले व्यक्तियों के भी सैम्पल लिए गए। इनमें पक्षीप्रेमी सेवाराम माली व उनके परिवार के सभी सदस्यों के साथ वनकर्मियों, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. भागीरथ सोनी भी शामिल हैं।
सतर्कता के लिए एडवाइजरी जारी
डेमोसाइल क्रेन में एच 5 एन 1 एवियन इन्फ्लूएंजा की पुष्टि के बाद सतर्कता के लिहाज से एडवाइजरी जारी की गई है। चिकित्सकीय टीम को अलर्ट मोड पर रहने और आमजन को भी सर्दी, जुकाम की स्थिति में चिकित्सकों को दिखाने की सलाह दी गई है।- डॉ. धीरज बिस्सा, सीएमएचओ, फलोदी
हर गतिविधि पर नजर
भोपाल व जोधपुर से विशेषज्ञों की टीम ने कुरजां आश्रय स्थलों पर सैम्पल एकत्र किए हैं। बीमार व मृत कुरजां के सीधे सम्पर्क में आए कुल 17 जनों के सैम्पल भी लिए गए है।- डॉ. भागीरथ सोनी, नोडल अधिकारी पशु चिकित्सा विभाग
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