PETROLEUM PRODUCTS GOOD NEWS: पेट्रो-केमिकल इंडस्ट्री एक नए इंडस्ट्रीयल सेक्टर के रूप में उभर रही है। अब तक गुजरात इसका हब हुआ करता था, लेकिन जोधपुर में यह तेजी से विकसित हो रही है। कई इंटरनेशल ब्रांड को पेट्रो-केमिकल पैकिंग उत्पाद से जोड़ दिया गया है। पचपदरा रिफाइनरी जब पूरी तरह से वर्किंग मोड में आ जाएगी तो इसका कई स्तर पर फायदा देखने को मिलेगा। इसके अलावा राजस्थान के साथ पैकिंग इंडस्ट्री के कई एमओयू भी हुए हैं।
क्या है पेट्रो-केमिकल इंडस्ट्री का उपयोग हमारे घर में आटा, बेसन या फिर चिप्स आती है। उसका पैकिंग मेटेरेरियल कई मायनों में अहम होता है। इस पैकेजिंग मेटेरियल को बनाने में पेट्रो-केमिकल, प्लास्टिक और अन्य उत्पाद लगते हैं। यहां पार्टिकल से धागा बनाने और उससे पैकेजिंग शीट का रोल बनाने का काम हो रहा है। देश की कई बड़ी कंपनियां टाटा, अडाणी, एशियन पेंटस और आटा पैकिंग के साथ इफक्को, बीज निगम जैसी बड़ी संस्थाओं की मरुधरा पैकेजिंग क्वालिटी जोधपुर में तैयार हो रही है।
अभी गुजरात का दबदबा, जोधपुर में भविष्य पेट्रो-केमिकल सेक्टर में अभी गुजरात का दबदबा है, क्योंकि वहां जामनगर रिफाइनरी से आसान से रॉ मेटेरियल मिल जाता है। लेकिन अब पिछले कुछ सालों में जोधपुर में इसका मार्केट डवलप हो रहा है। नेचर फ्रेंडली पैकेजिंग व प्लास्टिक इंडस्ट्री को पचपदरा रिफाइनरी के पूरी तरह से फ्लो में आने के बाद बूस्ट मिलेगा।
50 हजार टन से ज्यादा का मार्केट अभी जोधपुर में करीब 50 हजार टन वुवन सेक, फ्लेक्सिबल पैकेजिंग और पाउच पैकेजिंग का मार्केट है। इनमें करीब 5 से 10 हजार लोगाें को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है। आने वाले एक साल में इसका सीधा असर बढ़ेगा।
एक्सपर्ट व्यू जोधपुर में पेट्रोकेमिकल (PETROLEUM PRODUCTS GOOD NEWS) और पैकेजिंग का बड़ा मार्केट डवलप हो चुका है। पचपदरा रिफाइनरी से नई उम्मीदें जगेगी। जोधपुर पहले से ही कई इंटरनेशनल ब्रांड्स की पैकेजिंग तैयार कर रहा है। तकनीक भी आई है। नई यूनिट भी आ रही है। इसमें बड़ा रोजगार व इंडस्ट्रीयल टाउनशिप भी आ रही है। यह एक नया सेक्टर है जो अभी ग्रोथ पर है। आने वाले समय में इस संबंध में प्रशिक्षित स्टाफ और स्किल लेबर की जरूरत पड़ेगी।
– महेश पुरोहित, पैकेजिंग इंडस्ट्री एक्सपर्ट