ताज्जुब की बात यह है कि फ्लाइट्स मूवमेंट में उतना परिवर्तन नहीं है। पिछले सालों की गर्मियों में चार सौ से अधिक फ्लाइट्स हर महीने उड़ रही थी लेकिन इस साल तीन सौ से कुछ ही अधिक फ्लाइट मूवमेंट होने के बावजूद यात्री भार आसमां पर है।
क्या है कारण
– बीते विंटर व इस समर सीजन में पहली बार कोलकाता व हैदराबाद जैसे शहरों के लिए फ्लाइट्स शुरू हुई। उत्तर-पूर्व की कनेक्टिविटी बढ़ गई।
– कोविड के समय ही पहली बार चैन्नई और बेंगलुरू के लिए दो से तीन फ्लाइट्स शुरू हुई। पहली बार एयरलाइंस कम्पनियों ने दक्षिणी भारत की तरफ यात्री भार महसूस किया। आलम यह था कि जोधपुर से चैन्नई के मध्य पूरी फ्लाइट्स कई बार चार्टर्ड प्लेन के रूप में आई तब एयरलाइंस कम्पनियों को दक्षिणी भारत में वैक्यूम नजर आया।
– दिल्ली और मुंबई के मध्य पहली बार 5-5 फ्लाइट्स उड़ी। बीते विंटर सीजन में एक दिन में फ्लाइट्स की संख्या 18 तक पहुंची। एयरपोर्ट छोटा पडऩे से उसका समय सुबह 9.30 की जगह 6.30 करना पड़ा।
– गर्मियों में फ्लाइट्स मूवमेंट कम है लेकिन बड़े जहाज होने से अधिक यात्री यात्रा कर रहे हैं।
– बीते विंटर व इस समर सीजन में पहली बार कोलकाता व हैदराबाद जैसे शहरों के लिए फ्लाइट्स शुरू हुई। उत्तर-पूर्व की कनेक्टिविटी बढ़ गई।
– कोविड के समय ही पहली बार चैन्नई और बेंगलुरू के लिए दो से तीन फ्लाइट्स शुरू हुई। पहली बार एयरलाइंस कम्पनियों ने दक्षिणी भारत की तरफ यात्री भार महसूस किया। आलम यह था कि जोधपुर से चैन्नई के मध्य पूरी फ्लाइट्स कई बार चार्टर्ड प्लेन के रूप में आई तब एयरलाइंस कम्पनियों को दक्षिणी भारत में वैक्यूम नजर आया।
– दिल्ली और मुंबई के मध्य पहली बार 5-5 फ्लाइट्स उड़ी। बीते विंटर सीजन में एक दिन में फ्लाइट्स की संख्या 18 तक पहुंची। एयरपोर्ट छोटा पडऩे से उसका समय सुबह 9.30 की जगह 6.30 करना पड़ा।
– गर्मियों में फ्लाइट्स मूवमेंट कम है लेकिन बड़े जहाज होने से अधिक यात्री यात्रा कर रहे हैं।
वर्तमान में इन शहरों के लिए उड़ानें
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चैन्नई, बेंगलुरू, अहमदाबाद, बेलगाम (दिल्ली-मुंबई को छोडक़र सभी जगह एक-एक फ्लाइट है।) यहां भी है वेक्यूम, कम्पनी आगे आएं
जोधपुर एयरपोर्ट से देश के बड़े शहरों के लिए फ्लाइट्स है लेकिन राज्य के भीतर के शहरों यानी इंटरसिटी कनेक्टिविटी नहीं है। जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, जैसलमेर जैसे शहरों के लिए फ्लाइट्स की दरकार है। यात्रियों की तरफ से भी डिमाण्ड आ रही है लेकिन कोई एयरलाइंस कम्पनी आगे नहीं आ रही है। उड़ान योजना के तहत सुप्रीम एयरलाइंस ने इंटरसिटी कनेक्टिविटी शुरू की थी लेकिन वर्ष 2016 में श्रीगंगानगर में सुप्रीम एयरलाइंस के विमान के एयरपोर्ट की दिवार से टकराने के बाद उसकी सेवाएं बंद हो गई। स्पाइस जेट की भी 2017 में जयपुर-जोधपुर उड़ान थी लेकिन वह भी बंद पड़ी है।
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चैन्नई, बेंगलुरू, अहमदाबाद, बेलगाम (दिल्ली-मुंबई को छोडक़र सभी जगह एक-एक फ्लाइट है।) यहां भी है वेक्यूम, कम्पनी आगे आएं
जोधपुर एयरपोर्ट से देश के बड़े शहरों के लिए फ्लाइट्स है लेकिन राज्य के भीतर के शहरों यानी इंटरसिटी कनेक्टिविटी नहीं है। जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, जैसलमेर जैसे शहरों के लिए फ्लाइट्स की दरकार है। यात्रियों की तरफ से भी डिमाण्ड आ रही है लेकिन कोई एयरलाइंस कम्पनी आगे नहीं आ रही है। उड़ान योजना के तहत सुप्रीम एयरलाइंस ने इंटरसिटी कनेक्टिविटी शुरू की थी लेकिन वर्ष 2016 में श्रीगंगानगर में सुप्रीम एयरलाइंस के विमान के एयरपोर्ट की दिवार से टकराने के बाद उसकी सेवाएं बंद हो गई। स्पाइस जेट की भी 2017 में जयपुर-जोधपुर उड़ान थी लेकिन वह भी बंद पड़ी है।
जोधपुर एयरपोर्ट का गर्मियों का ट्रेफिक यात्रियों की संख्या
महीना —– 2022—- 2021 —- 2020 —- 2019 —- 2018 —- 2017
अप्रेल —- 50901 —-35441—- 0 ——– 20965 —- 35137 —- 32340
मई —— 48609 —- 21942 —-192 —- 18954 —- 33430 —- 33502
जून —– 45000 —- 23104 —- 29 —– 17555 —- 32737 —- 32934
महीना —– 2022—- 2021 —- 2020 —- 2019 —- 2018 —- 2017
अप्रेल —- 50901 —-35441—- 0 ——– 20965 —- 35137 —- 32340
मई —— 48609 —- 21942 —-192 —- 18954 —- 33430 —- 33502
जून —– 45000 —- 23104 —- 29 —– 17555 —- 32737 —- 32934
एयरपोर्ट पर एयरक्राफ्ट मूवमेंट
महीना —-2022 —-2021 —-2020 —-2019—-2018—- 2017
अप्रेल —- 338 —- 358 —- 0 —— 182 —- 444 —- 380
मई —— 318 —- 264 —- 4 —— 128 —- 460 —- 410
जून —– 312 —- 194 —- 8 —— 114 —— 438 —- 401
महीना —-2022 —-2021 —-2020 —-2019—-2018—- 2017
अप्रेल —- 338 —- 358 —- 0 —— 182 —- 444 —- 380
मई —— 318 —- 264 —- 4 —— 128 —- 460 —- 410
जून —– 312 —- 194 —- 8 —— 114 —— 438 —- 401