आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेविका संघ से जुड़कर समाजसेवा का कार्य करने वालीं जीजी का राजनीतिक सफर लंबा है। बात 1965 की है उस समय राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ के माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर, गुरुजी जोधपुर प्रवास पर थे। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेविका व जनसंघ की सदस्य जीजी पानी की समस्याओं के विरोध के लिए अपने साथ केवल 5 महिलाओं को लेकर निकलीं, जिन्हें भी वह बहुत समझा-बुझाकर लाई थी। जीजी ने उस समय कलक्ट्रेट के बाहर पांच महिलाओं के साथ मटकी फोड़कर धरना-प्रदर्शन किया। शाम को जब वे गुरुजी से मिलने गई व घटना बताई, तो गुरुजी को आश्चर्य हुआ। साथ ही वे प्रसन्न हुए कि महिलाओं में समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत आ गई।
शुरू हुआ राजनीति सफर
इस घटना के बाद जीजी का राजनीतिक सफर हुआ। जीजी 1972 में पहली बार नगर परिषद सदस्य बनी। इसके बाद जीजी भाजपा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष, महिला मोर्चा प्रदेशाध्क्ष बनी। 1990-92 में नवीं विधानसभा में पहली बार विधायक बनी। जीजी अब तक दो बार पार्षद व छह बार विधायक रह चुकी है। वहीं, भाजपा संगठन में विभिन्न उच्च पदों पर रह चुकी है।