मिट्टी के गोले… धन का प्रतीक मंडोर उद्यान में महिलाएं मिट्टी के गोले बनाती हैं, जिन्हें वे धन के रूप में मानती हैं। यह मान्यता है कि घर में इन मिट्टी के गोले को रखने से धन की वर्षा होती है। महिलाएं सुबह की शांति में, अपने पारंपरिक कपड़ों में सजी-धजी, ध्यान और श्रद्धा के साथ पूजा करती हैं। इसके बाद, वे इन गोले को अपने घर ले जाती हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखती हैं।
परंपरा का महत्व यह परंपरा सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पहचान भी है। हर वर्ष, यह उत्सव महिलाओं को एक साथ लाता है और उन्हें आपस में जोड़े रखता है। इसके साथ ही, यह परंपरा यह संदेश भी देती है कि धन केवल भौतिक वस्तुओं में नहीं, बल्कि परिवार और समुदाय में एकता और प्रेम में भी है। इसी दिन से पांच से छह दिन के दीपोत्सव की शुरुआत हो जाती है।
समृद्धि की कामना धनतेरस पर किए जाने वाले इस विशेष अनुष्ठान में महिलाएं धन की देवी लक्ष्मी से समृद्धि की कामना करती हैं। यह दिन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक मेलजोल और पारिवारिक बंधनों को भी मजबूत करता है। ये परपंरा सालों से निभाई जा रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के अलग-अलग शहरों में दीपोत्सव मनाने के अलग-अलग तरीके हैं।