दरअसल, स्टेडियम के एक गेट के सामने बिल्डिंग में जोधपुर का बड़ा जुआघर संचालित होता है। इसका संचालक जिले का सबसे बड़ा गुब्बा व जुआघर सरगना है। इसकी शिकायत मिलने पर
पुलिस कमिश्नर राजेन्द्रसिंह ने कमिश्नरेट के पश्चिमी जिले के अधिकारियों की विशेष टीम बनाई। उदयमंदिर थाना पुलिस को कार्रवाई से अवगत तक नहीं करवाया गया। रात करीब एक बजे पुलिस के भारी लवाजमे ने इमारत में संचालित होने वाले जुआघर पर दबिश दी, लेकिन वहां ताला लगा मिला। पुलिस ने संचालक को मौके पर बुलाया। इमारत का ताला खुलवाकर तलाशी ली गई, लेकिन वहां कुछ हाथ नहीं लगा। फलस्वरूप पुलिस खाली हाथ लौट आई। पुलिस कमिश्नर राजेन्द्रसिंह का कहना है कि जुआघर पर पर रेड दी गई थी, लेकिन कुछ मिला नहीं।
सुबह 8 से रात 2 बजे तक चलता है जुआघर
सूत्रों की मानें तो इमारत में संचालित होने वाला जुआघर सुबह आठ बजे खुल जाता है। जो रात दो बजे तक धड़ल्ले से चलता है। वहां ताश के पत्तों के साथ ऑनलाइन जुआ भी खिलाया जाता है। जुआ खेलने के लिए जोधपुर शहर ही नहीं बल्कि पीपाड़, रोहट, ब्यावर, मेड़ता सिटी आदि से लोग आते हैं। दिनभर जुआरियों की भीड़ लगी रहती है। स्थानीय पुलिस थाने व जुआघर संचालक में सांठ-गांठ की आशंका है।
रात 11 बजे तक चल रहा था जुआघर
जुआघर पर रेड के लिए गोपनीय तरीके से विशेष टीम बनाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई की सूचना लीक हो गई। रात करीब ग्यारह बजे तक जुआघर चल रहा था। फिर अचानक जुआघर बंद कर दिया गया। अंदेशा है कि किसी ने पुलिस कार्रवाई की पहले से सूचना दे दी थी। यही वजह है कि पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा।