पुलिस को अंदेशा है कि गत वर्ष दिसम्बर में मुम्बई के साकानाकी थानान्तर्गत एमडी ड्रग्स जब्त किए जाने के बाद से तस्करों ने लैब बंद कर दी होगी। लैब में निर्मित एमडी ड्रग्स और इसे बनाने में काम आने वाले केमिकल से भरे ड्रमों को वहां से हटाकर झालामण्ड के हनुमान दड़ी स्थित दुकान में छुपा दिया होगा। अब तक की जांच से माना जा रहा है कि पुणे निवासी प्रशांत पाटील व अन्य की मदद से ड्रग्स बनाई जाती थी। पाटील पुणे से ड्रग्स बनाने के लिए मोगड़ा आता था। ड्रग्स की सप्लाई न सिर्फ मुम्बई बल्कि पुणे और अन्य शहरों में भी होती थी। ड्रग्स लैब बनाने के पीछे भी उसकी भूमिका हो सकती है। अंदेशा है कि अब तक करोड़ों रुपए की ड्रग्स सप्लाई कर दी गई होगी।
खेत मालिक का पुत्र भी गिरफ्त में
मुम्बई व पुणे के बदमाशों की मदद से मोगड़ा खुर्द के धतरवालों की ढाणी निवासी भारमल जाट के खेत में गत वर्ष एमडी ड्रग्स बनाने की लैब बनाई गई थी। संभवत: उसके बेटे हुक्माराम ने किसी को किराए पर दी होगी। फिलहाल भारमल के बेटे हुक्माराम जाट को गिरफ्तार किया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
एनसीबी व दो थानों की पुलिस को भनक तक नहीं
मुम्बई पुलिस की जोधपुर में बड़ी कार्रवाई से न सिर्फ पुलिस बल्कि एनसीबी भी चौंक गई। पुलिस स्टेशन विवेक विहार से मोगड़ा खुर्द करीब 9-10 किमी और पुलिस स्टेशन कुड़ी भगतासनी से झालामण्ड के हनुमान दड़ी की दूरी 6-7 किमी है। लैब व ड्रग्स के भारी भरकम स्टॉक के बारे में दोनों थानों की पुलिस व एनसीबी को भनक नहीं लगी।
इससे पहले 300 करोड़ की 22 किलो एमडी ड्रग्स
गौरतलब है कि इससे पहले एनसीबी नई दिल्ली मुख्यालय ने गुजरात के गांधी नगर व अमरेली और सिरोही के शिवगंज, जालोर के भीनमाल व जोधपुर में ओसियां के हरलाया गांव में ड्रग्स बनाने की लैब पकड़ी थी। 300 करोड़ की 22 किलो एमडी ड्रग्स, 124 लीटर लिक्विड एमडी ड्रग्स, 50 किलो इफेड्रिन और 200 लीटर एसीटोन जब्त की थी।
ड्रग्स की कीमत को लेकर मतभेद
मुम्बई पुलिस ने जब्त एमडी ड्रग्स व केमिकल की बाजार कीमत 107 करोड़ रुपए आंकी है। जबकि पुलिस को इससे ऐतबार नहीं है। पुलिस का मानना है कि जब्त डेढ़ किलो एमडी ड्रग्स दो-तीन करोड़ व केमिकल 50-60 लाख रुपए का है। मुम्बई पुलिस का मानना है कि जब्त केमिकल से भारी मात्रा में ड्रग्स बनाई जा सकती थी, जिसकी लागत सौ करोड़ से अधिक होती।