एम्स जोधपुर का निर्माण कार्य केंद्रीय सार्वजनिक निर्माण (सीपीडब्ल्यूडी) विभाग ने करवाया है। चूंकि सीपीडब्ल्यूडी सरकारी विभाग है और सरकार कभी भी टैक्स नहीं देती है, लेकिन एम्स अपने आपको स्वायत्तशासी संस्थान मानता है। ऐसे में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के अंतर्गत यह नोटिस जारी हुआ है। इसके तहत निर्माण कार्य में जितना पैसा लगा है, उस पर जीएसटी बनता है तो सरकार को जमा कराना चाहिए था।
स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी जीरो
देश में स्वास्थ्य सेवाएं जीएसटी मुक्त है। एम्स की ओर से डॉक्टरी चैकअप, ऑपरेशन, क्लिनिकल जांचें वगैरह जो भी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है, वह उस पर मरीज से जीएसटी नहीं लेता है। ऐसे में एम्स अगर निर्माण कार्यों पर जीएसटी भरता है तो उसका इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) केवल खातों में ही रह जाएगा। यह भी पढ़ें
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इस मामले को ऐसे समझें
उदाहरण के तौर पर कोई भी सरकारी विभाग अपनी रद्दी बेचता है तो सरकारी विभाग पर तो जीएसटी नहीं लगेगी, लेकिन खरीदार को रद्दी खरीद की रकम पर जीएसटी देना पड़ेगा और उसे कर जीएसटी विभाग में जमा कराना पड़ेगा। यह भी पढ़ें
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देशभर में सभी एम्स को नोटिस जारी
हमने रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के अंतर्गत एम्स जोधपुर को जीएसटी जमा कराने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। देशभर में सभी एम्स को ऐसे नोटिस जारी हुए हैं।-महीपाल सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त, सेंट्रल जीएसटी जोधपुर