महिला कर्मचारियों का रखा गया विशेष ध्यान
इस भवन की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें अलग से एक किड्स जोन बनाया गया है। यहां काम करने वाली महिला कर्मचारी या फिर अधिवक्ता अगर अपने छोटे बच्चों को भी ड्यूटी के दौरान साथ लाती हैं तो उनके लिए आया कि व्यवस्था भी रखी गई है। बच्चों को संभालने के लिए हर समय आया रहेगी। साथ ही बच्चों के लिए खिलौने भी होंगे।
इस भवन की सबसे विशेष बात यह है कि इसमें अलग से एक किड्स जोन बनाया गया है। यहां काम करने वाली महिला कर्मचारी या फिर अधिवक्ता अगर अपने छोटे बच्चों को भी ड्यूटी के दौरान साथ लाती हैं तो उनके लिए आया कि व्यवस्था भी रखी गई है। बच्चों को संभालने के लिए हर समय आया रहेगी। साथ ही बच्चों के लिए खिलौने भी होंगे।
अनोखी होगी लाइब्रेरी
यहां की लाइब्रेरी भी आपको काफी आकर्षित करेगी। कंडेस्ड तरीके से किताबों को रखने का नया तरीका है। इससे पहले जोधपुर में इतनी बड़ी और आधुनिक लाइब्रेरी नहीं देखी होगी। इसके अलावा मारवाड़ की सांस्कृतिक परंपरा एवं कलात्मक परिवेश को प्रदर्शित करने के माध्यमों में मारवाड़ की चित्र शैली से भी कोर्ट परिसर की दीवारों को सजाया गया है। साथ ही बाहर बने गार्डन में भी फाउंटेन व कलात्मक लाइटें लगाई गई हैं। अन्दर मीटिंग हॉल व आगुन्तकों के लिए बैठने के लिए भी सोफे की व्यवस्था की गई है। इसका मॉडल देख कर ही ऐसा लगता है कि ये नया भवन भारत की संसद से भी बड़ा बनाया गया है।
यहां की लाइब्रेरी भी आपको काफी आकर्षित करेगी। कंडेस्ड तरीके से किताबों को रखने का नया तरीका है। इससे पहले जोधपुर में इतनी बड़ी और आधुनिक लाइब्रेरी नहीं देखी होगी। इसके अलावा मारवाड़ की सांस्कृतिक परंपरा एवं कलात्मक परिवेश को प्रदर्शित करने के माध्यमों में मारवाड़ की चित्र शैली से भी कोर्ट परिसर की दीवारों को सजाया गया है। साथ ही बाहर बने गार्डन में भी फाउंटेन व कलात्मक लाइटें लगाई गई हैं। अन्दर मीटिंग हॉल व आगुन्तकों के लिए बैठने के लिए भी सोफे की व्यवस्था की गई है। इसका मॉडल देख कर ही ऐसा लगता है कि ये नया भवन भारत की संसद से भी बड़ा बनाया गया है।
हाईटेक उपकरणों के साथ 14 लिफ्ट
अत्याधुनिक हाईटेक उपकरणों और फर्नीचर से सुसज्जित इस भवन को छितर के पत्थरों से बनाया गया है। इस इमारत में 14 लिफ्ट लगाई हैं। यह इमारत न केवल अपने न्यायिक कार्य के लिए पहचान बनाएंगी, बल्कि अपनी भव्यता को लेकर भी यह आकर्षण का केंद्र बनने वाली है।
अत्याधुनिक हाईटेक उपकरणों और फर्नीचर से सुसज्जित इस भवन को छितर के पत्थरों से बनाया गया है। इस इमारत में 14 लिफ्ट लगाई हैं। यह इमारत न केवल अपने न्यायिक कार्य के लिए पहचान बनाएंगी, बल्कि अपनी भव्यता को लेकर भी यह आकर्षण का केंद्र बनने वाली है।
पूरी इमारत एयर कंडीशन और वाईफाई से युक्त
पूरे एशिया में यह एक मात्र भवन है जो आधुनिकतम और भव्य न्यायालय के रूप में पहचाना जाएगा। इस इमारत में 1659 पिलर हैं। राजस्थान हाईकोर्ट का परिसर पूरी तरह से सेंट्रल एयर कंडीशन है साथ ही पूरी इमारत वाईफाई युक्त है। इमारत के हर हिस्से में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जज और अधिवक्ताओं के संवाद के लिए माइक की व्यवस्था है। पूरी तरह आधुनिक उपकरणों से युक्त कॉन्फ्रेंस हॉल है।
पूरे एशिया में यह एक मात्र भवन है जो आधुनिकतम और भव्य न्यायालय के रूप में पहचाना जाएगा। इस इमारत में 1659 पिलर हैं। राजस्थान हाईकोर्ट का परिसर पूरी तरह से सेंट्रल एयर कंडीशन है साथ ही पूरी इमारत वाईफाई युक्त है। इमारत के हर हिस्से में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जज और अधिवक्ताओं के संवाद के लिए माइक की व्यवस्था है। पूरी तरह आधुनिक उपकरणों से युक्त कॉन्फ्रेंस हॉल है।