एंटी इनकमबेंसी से बढ़ता है मतदान
अब तक सरकारों के खिलाफ रोष होने पर मतदान प्रतिशत बढ़ता है। ऐसा अमूमन हर चुनाव में होता है। पिछली बार मतदान प्रतिशत बढ़ने के पीछे कारण भी यही था। जोधपुर जिले का औसत मतदान प्रतिशत 72 से ज्यादा था। पांच सीट ऐसी थी जहां 75 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। उन सीटों पर सीटिंग एमएलए हार गए थे, लेकिन इस बार गणित बदलेगा। हालांकि 3 दिसम्बर को चुनावी तस्वीर साफ होगी, लेकिन एंटी इनकमबेंसी का फेक्टर भी जरूर असर डालेगा।
कांग्रेस और भाजपा का हर बूथ पर एक निश्चित वोट बैंक होता है जो कि आइडियोलॉजी पर चलता है। इसके बाद नए जुड़े वोटर्स और स्विंग वोटर्स हार-जीत तय करते हैं। इसी के आधार पर हर बूथ और विधानसभा का गणित बैठाया जाता है, लेकिन मतदान प्रतिशत कई विधानसभा क्षेत्रों में घटने से इस नए सिरे से आकलन होगा।
– जोधपुर शहर सीट में पिछली बार जीत का अंतर छह हजार से कम रहा था। इस बार कम मतदान प्रतिशत फिर संकट खड़ा करेगा।
– सूरसागर सीट पर भी जीत का अंतर पांच हजार से कम था। मतदान प्रतिशत पिछली बार से एक प्रतिशत कम है। ऐसे में गणित का आकलन नए सिरे से होगा।
– बिलाड़ा सीट आरक्षित है और त्रिकोणीय फेर में फंसी है। यहां मतदान प्रतिशत करीब 8 प्रतिशत घटा है और वोट तीन प्रत्याशियों में बंटेंगे। जीत का अंतर काफी कम रहेगा।
– भोपालगढ़ आरक्षित सीट में फिर से संघर्ष होगा। मतदान करीब तीन फीसदी कम रहा और यहां रालोपा व कांग्रेस के साथ भाजपा प्रत्याशी टक्कर में है।
– लोहावट में भी पेंच तीन प्रत्याशियों में फंसा है। भाजपा जो जीत के प्रति आश्वासत थी उसको मतदान प्रतिशत कम होने से सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा। करीब 8 प्रतिशत मतदान हुआ।
– फलोदी सीट पर पिछले बार 76 प्रतिशत से ज्यादा मतदान था जो कि इस बात 67 प्रतिशत पर आ गया। यानि 9 प्रतिशत मतदान हुआ।
– शादियों का सीजन है, हालांकि इस बार से 23 को होने वाला मतदान 25 को करवाया गया। लेकिन इसमें भी मांगलिक कार्यक्रमों का असर साफ देखने को मिला।
– दूसरा बड़ा कारण मतदाताओं की बेरुखी भी था। पसंदीदा प्रत्याशी नहीं होने पर भी कई बार मतदाता बूथ तक नहीं पहुंचते हैं।
क्षेत्र का नाम- 2023- 2018
फलोदी- 67.37- 76.46
लोहावट- 71.23- 79.20
शेरगढ़- 72- 78.94
ओसियां- 73- 78.55
भोपालगढ़- 65.71- 68.84
सरदारपुरा- 65.60- 67.09
जोधपुर- 64- 64.50
सूरसागर- 66- 67.14
लूणी- 70- 75.82
बिलाड़ा- 62- 69.81