आयोग ने दिखाई सख्ती
बोर्ड ने यह जवाब शिकायतकर्ता दीनदयाल बंग की ओर से गत वर्ष 8 सितम्बर को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दर्ज शिकायत पर दिया है। आयोग ने सितम्बर में बोर्ड को आठ सप्ताह में शिकायतकर्ता को जवाब देने को कहा था। बोर्ड द्वारा जवाब नहीं देने पर आयोग ने सख्ती दिखाते हुए अप्रेल में चार सप्ताह में स्वयं जवाब मांगा था। बोर्ड के निर्देशक यातायात वाणिज्य (सामान्य) ने जवाब में बताया कि कि रेण स्टेशन पर उच्चस्तरीय प्लेटफ ार्म नम्बर 2 तथा साथ में ऊपरी पैदल पुल का कार्य 2017-18 की कार्ययोजना में बिना बारी के आधार पर स्वीकृत कर दिया है।
पत्रिका ने प्रकाशित की खबरें
रेण स्टेशन पर लकवा रोगियों की समस्याओं को लेकर पत्रिका ने १० मई को ‘लकवा रोगियों की पीड़ा पर गंभीर नहीं रेलवे’ तथा 27 जून को ‘8 सप्ताह बाद भी जवाब नहीं दे रहा रेलवे बोर्ड’ खबरें प्रकाशित की थी।
कोच संकेतक बोर्ड की मांग
शिकायत में कोच संकेतक बोर्ड लगाने का भी जिक्र किया था। इसके जवाब में बताया गया कि रेण स्टेशन ई श्रेणी का है। रेलवे सुविधा नीति के अनुसार वहां कोच संकेतक लगाने का प्रावधान नहीं है, जबकि रेलवे की ऐसी कोई श्रेणी वर्तमान में नहीं है। रेलवे ने नई सुविधा नीति गत वर्ष नवम्बर में ही बना दी थी, जिसमें रेण स्टेशन एनएसजी 5 श्रेणी का स्टेशन है।
इसलिए है जरूरी
रेण स्टेशन पर रोजाना सैकड़ों लकवा रोगी व अन्य श्रद्धालुओं का आना-जाना रहता है। स्टेशन से 15 किमी दूरी पर धार्मिक आस्था का केन्द्र बुटाटी धाम है। स्टेशन पर कोच संकेतक नहीं होने एवं गाड़ी का ठहराव मात्र दो मिनट होने से भागदौड़ की स्थिति हो जाती है।