जोधपुर

अच्छी खबर : फलोदी का किला भी बताएगा अपना गौरवमयी इतिहास

महेश कुमार सोनी
फलोदी. शहर के पर्यटन में अपनी खास पहचान रखने वाले ऐतिहासिक व प्राचीन किले के दुर्दशा के हालातों के बाद अब संरक्षण की कवायद शुरू हो गई है तथा सरंक्षण बाद फलोदी का एेतिहासिक किला भी पर्यटकों को अपना गौरवमयी इतिहास बताएगा। दरअसल राजस्थान सरकार के बजट 2019-20 में फलोदी के प्राचीन किले को धरोहर के रूप में संरक्षित करने की घोषणा के बाद 3.74 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है।

जोधपुरJan 05, 2020 / 10:03 am

Mahesh

फलोदी का प्राचीन किला

साथ ही संरक्षण व जीर्णोद्धार कार्य के लिए निविदाएं भी जारी कर दी गई है। किले के संरक्षण से फलोदी के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
ये होंगे जीर्णोद्धार के कार्य-

सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत थानवी ने बताया कि बजट में फलोदी किले के संरक्षण की घोषणा के बाद शीघ्र क्रियान्वयन की मांग की गई थी। जिस पर पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, जयपुर का जवाब मिला है। पत्र में विभाग के अधिशासी अभियंता द्वारा बताया गया कि फलोदी किले के संरक्षण, जीर्णोद्धार व विकास कार्य के लिए 3.74 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है तथा इसकी निविदाएं भी जारी हो चुकी है। इस राशि में किले में पाथ-वे का निर्माण, चारदीवारी के पास सीढ़ीया, फर्श में पत्थर लगाने, पत्थरों की कुर्सियां, दीवारों का जीर्णोद्धार, स्वच्छता के लिए कचरा पात्र लगाने, कलात्मक पत्थरों पर किले का इतिहास तैयार करने, पर्यटकों के लिए शीतल पेयजल के लिए वॉटर कू लर लगाने आदि के कार्य होंगे।
बदलेगी किले की तस्वीर-

फलोदी का ऐतिहासिक किला इतिहास के पन्नों में खास जगह रखता है तथा सुरक्षा के लिहाज से अभेद्य भी रहा है। किले के संरक्षण की कवायद शुरू होने से किले का स्वरूप निखरने की उम्मीद है। वर्तमान में किले का एक हिस्सा धराशायी हो रखा है तथा जगह-जगह से मरम्मत की आवश्यकता है।
संरक्षित स्मारक है किला –

फलोदी का प्रचीन किला राजस्थान स्मारक, पुरावशेष स्थान तथा प्राचीन वस्तु अधिनियम १९६१ की धारा ३ के अन्तर्गत संरक्षित स्मारक/संरक्षित क्षेत्र है। इस संरक्षित स्मारक/क्षेत्र को किसी भी रूप में हानि पंहुचाने, नष्ट करने, विकृत करने, मूर्ति अभिलेख आदि हटाने पर अधिनियम की धारा १७ के तहत ३ वर्ष का कारावास या एक लाख रूपए तक के जुर्माने अथवा दोनों का प्रावधान है। तो मिले पर्यटन को बढ़ावा-फलोदी के पर्यटन में किले का बड़ा योगदान हो सकता है। पर्यटन विभाग व पुरातत्व विभाग द्वारा फलोदी के पर्यटन के साथ ही किले का प्रचार-प्रसार हो तो यहां पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी तथा किले को देखने के लिए पर्यटक भी आना शुरू हो जाएंगे।

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