पेट्रोकेमिकल विभाग एक तरह से माइनिंग से जुड़ा हुआ विभाग ही है, जिसमें आधा दर्जन से अधिक प्रयोगशालाएं होती है। इसके उपकरण बहुत महंगे आते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि करोड़ों रुपए के तो केवल उपकरण ही आ जाएंगे।
बाड़मेर के पचपदरा में 16 जनवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिफाइनरी का शिलान्यास किया। 4800 एकड़ में बन रही रिफाइनरी व पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स 2023 तक तैयार होने की उम्मीद है। पूर्ण क्षमता के साथ यह प्रतिदिन 9 मिलियन टन प्रति वर्ष कच्चे तेल का उत्पादन करेगी। 30 हजार से अधिक कार्मिकों को रोजगार मिलेगा। वर्तमान में प्रदेश में पेट्रोकेमिकल से संबंधित कोई खास पाठ्यक्रम नहीं है। गुजरात के गांधीनगर और झारखण्ड के बोकारो में जरुर पेट्रोलियम विवि है। ऐसे में प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए लंबे से जोधपुर में पेट्रोकेमिकल्स पाठ्यक्रम की डिमांड हो रही थी।