इंफेक्शन और भूख से हुई मौत
डॉक्टरों का कहना है पैंथर की बॉडी में इंफेक्शन मिला है। इंफेक्शन के चलते पैंथर दो किलोमीटर से ज्यादा नहीं चल पा रहा था। ऐसे में ढंग से शिकार नहीं कर पाने के चलते भूख और इंफेक्शन से उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि भेड़िए में पाए जाना वाला इंफेक्शन ही पैंथर की बॉडी में मिला है।
पैंथर की उम्र 9 से 10 साल बताई जा रही है। माचिया सफारी पार्क में करीब डेढ़ घंटे तक पैंथर का पोस्टमार्टम चला। अब बरेली से उसकी रिपोर्ट आएगी। वहीं डीएफओ सरिता कुमारी ने बताया कि पैंथर की तलाश के लिए शुक्रवार को अभियान चलाया गया था। इस दौरान पहाड़ी पर वह नजर आया। पैंथर के शरीर में काफी देर तक हलचल नहीं हुई थी। इसके बाद टीम ने जाल फेंककर पैंथर को अपने कब्जे में लिया। उन्होंने बताया कि इस दौरान पता चला कि पैंथर की मौत हो चुकी है। इसके बाद टीम करीब 2 किलोमीटर पैदल चलकर पैंथर के शव को माचिया सफारी पार्क के गेट संख्या 3 पर लेकर आई। जहां डॉक्टरों को बुलाकर उसका पोस्टमार्टम करवाया गया। सर्च टीम में शूटर बंशीलाल और रेंजर बालाराम, राजू सिंह सहित कई अन्य लोग भी शामिल थे।
माचिया में शिकार कर रहा था पैंथर
बता दें ये पैंथर पहली बार जोधपुर शहर में करीब 4 महीने पहले दिखा था। हालांकि इसे तलाशने के लिए कई सर्च अभियान चलाए गए, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद 38 दिन पहले माचिया सफारी पार्क में पैंथर का मूवमेंट दिखा। यहां पैंथर ने कई हिरणों को अपना शिकार बनाया। इसके बाद पैंथर लगातार पार्क में घुसकर शिकार करता रहा। वन विभाग की टीम के लिए
पैंथर बड़ी परेशानी बन गया था। इसे तलाशने के लिए कई अभियान चलाए गए। थर्मल ड्रोन से सर्च किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। वन विभाग के शूटर, थर्मल ड्रोन और उदयपुर से आई एक और टीम मौजूद होने के बाद भी पैंथर को पकड़ा नहीं जा सका था। माचिया सफारी पार्क को पैंथर प्रूफ बनाने का भी काम किया गया था। पैंथर के डर से कई दिनों तक सुरक्षा की दृष्टि से पार्क को बंद भी रखा गया था। हालांकि वन विभाग की टीम ने आज राहत की सांस ली, लेकिन उन्हें इस बात का अफसोस है कि पैंथर की मौत हो चुकी है।