बासनी थानान्तर्गत एम्स के पास सीमेंट बल्कर में 2239 किलो डोडा पोस्त जब्त करने में 35 लाख रुपए वसूलने के आरोपों से घिरे विवेक विहार थानाधिकारी व निरीक्षक जितेन्द्रसिंह और हेड कांस्टेबल स्वरूपराम को निलम्बित कर दिया गया। पुलिस मुख्यालय की विजिलेंस शाखा ने इस बारे में आदेश जारी किए। राजस्थान हाईकोर्ट ने गत 7 अक्टूबर को दोनों को तत्काल निलम्बित करने को कहा था। पुलिस कमिश्नर राजेन्द्रसिंह ने निरीक्षक जितेन्द्रसिंह व हेड कांस्टेबल स्वरूपराम को निलम्बित करने की पुष्टि की है। फिलहाल विवेक विहार थानाधिकारी पद पर किसी निरीक्षक को नहीं लगाया गया हैं।
नारनाडी में गाड़ी पकड़ी, कागजों में एम्स के पास दिखाई
29 जनवरी को तत्कालीन बासनी थानाधिकारी जितेन्द्रसिंह ने एम्स के पास सीमेंट बल्कर से 2239 किलो डोडा पोस्त जब्त कर चालक को गिरफ्तार किया था। एफआइआर में पाल निवासी सत्यनारायण सुथार व महेन्द्र उर्फ मोंटू को भी आरोपी बनाया गया था। सत्यनारायण ने थानाधिकारी जितेन्द्रसिंह व हेड कांस्टेबल स्वरूपराम पर 35 लाख रुपए लेने के आरोप लगाए थे। इस संबंध में पुलिस कमिश्नर व एसीबी को लिखित शिकायत भी दी गई थी। राजस्थान हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई गई थी। उसने डोडा पोस्त से भरी गाड़ीनारनाडी गांव के पास पकड़ने और फिर बासनी क्षेत्र में लाकर कार्रवाई करने के आरोप लगाकर बतौर साक्ष्य सीसीटीवी फुटेज पेश किए थे।
पुत्र को दूसरे दिन गिरफ्तार किया
महेन्द्र उर्फ मोंटू सुथार का कहना है कि पुलिस ने शाम पांच बजे डोडा पोस्त से भरी गाड़ी पकड़ी थी। फिर पुलिस भादू मार्केट में फैक्ट्री से महेन्द्र को पकड़कर बासनी थाने ले गई थी। 35 लाख रुपए लेकर रात साढ़े दस बजे छोड़ा था। जांच शास्त्रीनगर थानाधिकारी को सौंपी गई थी। पुलिस ने 15 मई सुबह पांच बजे घर पर दबिश देकर सत्यनारायण व पुत्र महेन्द्र को हिरासत में लिया था। सत्यनारायण को उसी दिन गिरफ्तार किया गया था। जबकि महेन्द्र की दूसरे दिन 16 मई को गिरफ्तारी दिखाई गई थी।