जोधपुर के इंद्रोका गांव निवासी डिप्टी कमाण्डेंट मनोहरसिंह खीची चौथी बार बीएसएफ के कैमल कंटीजेंट का नेतृत्व करेंगे। मनोहरसिंह चेतक नामक ऊंट पर सवार होंगे। चेतक भी जोधपुर का ही ऊंट है, जो रिकॉर्ड सातवीं बार कर्त्तव्य पथ पर परेड में भाग लेगा।
नए ऊंटों को मौका
इस बार बीएसएफ ने नए ऊंटों को मौका दिया है। 54 ऊंट में से 33 नए ऊंट हैं, जो पहली बार गणतंत्र दिवस की परेड करेंगे। सभी 100 ऊंटों को जोधपुर में प्रशिक्षित किया गया है। अकेले जोधपुर से साठ ऊंट और चालीस ऊंट बीकानेर से आए हैं।
केरल सहित 7 राज्यों से आईं महिला जवान
परेड के लिए इस बार 18 महिला जवानों को चुना गया है, जिसमें से 14 महिला जवान परेड में ऊंट दस्ते के साथ शामिल होंगी। ये महिला सात राज्यों केरल, कनार्टक, बंगाल, उत्तरप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात से हैं। महिलाओं को 2 महीने का केमल हैंडलिंग कोर्स (ऊंट पर प्रशिक्षण) जोधपुर में कराया गया है।
छम-छम करते निकलेंगे सजे-धजे ऊंट
बीएसएफ के ऊंट गोरबंद, लूम सहित 70 तरह के आभूषणों से सजे होंगे। ऊंट पर सवार होने वाली बीएसएफ जवान भी पारंपरिक पोशाक में होंगे। ऊंटों के पैरों में छड़े होंगे। जब वे कर्त्तव्य पथ पर चलेंगे तो छम-छम की मधुर ध्वनि निकलेगी। नई दिल्ली में होने वाली परेड में पहली बार 1976 में बीएसएफ के ऊंट दस्ते को शामिल किया गया था। गणतंत्र दिवस पर कर्त्तव्य पथ पर होने वाली परेड की फुल ड्रेस रिहर्सल गुरुवार को होगी।
सभी ऊंटों के अलग-अलग नाम
बीएसएफ ने अपने सभी 100 ऊंट को अलग-अलग नाम दिए हैं। इसमें सुखोई, हवाई, तेजस, चिनुक, नाग, अग्नि, राहुल, भीम, व्रज, केसर, अर्जुन, रॉकी, राज, रतन, देवा, नवरतन, पृथ्वी, गगन, आजाद व उज्ज्वल जैसे नाम शामिल हैं।