कभी जालोरीगेट से सोजतीगेट होते हुए हाईकोर्ट रोड तक की मुख्य सडक़ से यातायात का दबाव कम करने की गरज से बनाई गई लिंक रोड ही आज मलबा रोड में तब्दील हो गई है। ऐसा नहीं है कि इस पर यातायात नहीं रहता। सुबह से शाम तक हजारों की संख्या में दुपहिया-चार पहिया वाहन गुजरते हैं इस रोड से। भीड़ से बचने के लिए इधर जालोरीगेट और उधर सोजतीगेट से घुसने वाले वाहनों को इस पर चलने के लिए पूरी जगह तक नहीं मिलती। कारण कि आधी से ज्यादा सडक़ निर्माणाधीन इमारतों के मलबे से अटी पड़ी है और बाकी बची सडक़ पर चार पहिया वाहन खड़े हो जाते हैं। चलने के लिए बची रोड पर बड़े बड़े खड्डे और परकोटे की दीवार पर बने मकानों का सीवरेज का पानी कोढ़ में खाज का काम करते हैं वह अलग से।
बढ़ते ही जा रहे हैं ढेर
लिंक रोड पर राजरणछोड़ दास मंदिर के पिछवाड़े बनी दुकानों के ठीक आगे से शुरू होने वाले मलबे के ढेर बढ़ते ही जा रहे हैं। जालोरीगेट से सोजतीगेट निकलने वाली सडक़ के दायीं ओर तकिया चांदशाह की पार्र्किंग तक लगभग दस से बारह फीट चौड़ाई में मलबे के ढेर बढ़ते ही जा रहे हैं। नए निर्माण के दौरान निकलने वाले पत्थर, रेत और कचरे के ढेर मुख्य सडक़ तक आ रहे हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। परकोटे की दीवार के सहारे से लेकर सोजतीगेट बारी तक वाहनों की बेतरतीब पार्र्किंग वाहन चालकों की दिक्कत और बढ़ा देती है।
लिंक रोड पर राजरणछोड़ दास मंदिर के पिछवाड़े बनी दुकानों के ठीक आगे से शुरू होने वाले मलबे के ढेर बढ़ते ही जा रहे हैं। जालोरीगेट से सोजतीगेट निकलने वाली सडक़ के दायीं ओर तकिया चांदशाह की पार्र्किंग तक लगभग दस से बारह फीट चौड़ाई में मलबे के ढेर बढ़ते ही जा रहे हैं। नए निर्माण के दौरान निकलने वाले पत्थर, रेत और कचरे के ढेर मुख्य सडक़ तक आ रहे हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है। परकोटे की दीवार के सहारे से लेकर सोजतीगेट बारी तक वाहनों की बेतरतीब पार्र्किंग वाहन चालकों की दिक्कत और बढ़ा देती है।
पता नहीं कहां से आता है मलबा
क्षेत्र के लोग बताते हैं कि अक्सर रात को जब सडक़ सूनी हो जाती है तो ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भरकर लोग यह मलबा डाल जाते हैं। हाल के दिनों में सरकारी छुट्टियों के दौरान ज्यादा ही मलबा इस रोड पर लाकर डाल दिया गया है।
क्षेत्र के लोग बताते हैं कि अक्सर रात को जब सडक़ सूनी हो जाती है तो ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भरकर लोग यह मलबा डाल जाते हैं। हाल के दिनों में सरकारी छुट्टियों के दौरान ज्यादा ही मलबा इस रोड पर लाकर डाल दिया गया है।