IMD Monsoon Update: लौट कर आ रहा मानसून, इस दिन से शुरु होगी झमाझम बारिश, नया अलर्ट जारी
रेलवे के मुताबिक ट्रेन संख्या 09271 उद्घाटन फेरे पर 4 सितंबर को भावनगर से रवाना होगी। उद्घाटन फेरा नियमित ट्रेन के टाइम टेबल के अनुसार ही होगा। रेलवे के मुताबिक नियमित ट्रेन संख्या 19272 हरिद्वार से 6 सितंबर को पहला फेरा शुरू करेगी। यह हरिद्वार से प्रत्येक बुधवार सुबह 5 बजे रवाना होकर रात 11:15 बजे जोधपुर आएगी। यहां से 10 मिनट बाद रवाना होकर अगले दिन दोपहर 12:45 बजे भावनगर पहुंचेगी। इसी तरह भावनगर से नियमित ट्रेन संख्या 19271 प्रत्येक सोमवार रात 8:20 बजे रवाना होकर मंगलवार सुबह 8:30 बजे जोधपुर आएगी। यहां 10 मिनट ठहरने के बाद तड़के 3:40 बजे हरिद्वार पहुंचाएगी।Rajasthan Assembly Election: तो क्या अशोक गहलोत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे गजेंद्र सिंह शेखावत, किया बड़ा ऐलान
यहां होगा ठहरावरेलवे के अनुसार जोधपुर- हरिद्वार नई साप्ताहिक ट्रेन का भावनगर पारा, सिहोर गुजरात, ढोला, बोताड, लिंबडी, सुरेन्द्रनगर, विरमगांव, मेहसाणा, पाटन, भीलड़ी, धनेरा, मारवाड़ भीनमाल, मोदरान, जालोर, मोकलसर, समदड़ी, डेगाना, छोटी खाटू, डीडवाना, लाडनूं, सुजानगढ़, रतनगढ़, चूरू, सादुलपुर, हिसार, जाखल, सुनम उधमसिंह वाला, धुरी, पटियाला, राजपुरा, अम्बाला कैंट, सहारनपुर व रूड़की पर ठहराव होगा।
इसमें होंगे 18 कोच- रेलवे के मुताबिक इस ट्रेन में एक सैकंड एसी, तीन थर्ड एसी, नौ स्लीपर, तीन जनरल व दो गार्ड व लगेज सहित कुल 18 आईसीएफ कोच होंगे। औसत 50 की स्पीड से चलेगी ट्रेन- रेलवे के अनुसार यह ट्रेन भावनगर व हरिद्वार के बीच 1577 किलोमीटर का सफर कुल 31.20 घंटे में 50.33 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति से पूरा करेगी।
बाड़मेर से 4 सितंबर को चलने वाली गुवाहाटी-बाड़मेर ट्रेन में एलएचबी रैक के 1 सैकंड एसी, 5 थर्ड एसी, 12 स्लीपर, 1 साधारण, 1 पेंट्रीकार व 2 पॉवरकार कोच लगाए जाएंगे। एलएचबी कोच पुराने आइसीएफ कोच से काफी आरामदायक होते है। इससे ट्रेन की स्पीड भी बढ़ाई जा सकेगी।
एलएचबी रैक में लगे कोच इतने मजबूत होते हैं कि दुर्घटना के वक्त काफी कम टूट-फूट होती है और वे एक-दूसरे पर भी नहीं चढ़ते है। जिससे सफर करने वाले यात्री सुरक्षित रहते हैं। इसके अलावा कोच का ओवरऑल मेंटेनेंस भी तीन साल में एक बार करवाना पड़ता है। जबकि वर्तमान में जो कोच ट्रेनों में लगाए जाते हैं, उनका मेंटेनेंस डेढ़ से दो साल में करवाना जरूरी होता है।