फलोदी के खींचन में सोनामुखी फैक्ट्री के मुनीम की हत्या के मामले में 12 साल बाद गिरफ्तार दो भाई सहित तीन आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे हुए हैं। मुनीम की हत्या कर फरार होने के बाद आरोपियों ने दो और हत्याएं की थी। एक आरोपी बिहार के दरभंगा व मोतीहारी में नक्सलियों से सम्पर्क में भी था।
पुलिस महानिरीक्षक रेंज जोधपुर विकास कुमार ने बताया कि प्रकरण में बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के धमोली निवासी लालदेव पुत्र जयसीसहनी व भाई नरेश और रिश्तेदार उदय उर्फ गणेश उर्फ गोनू पुत्र नगेश्वरसहनीरिमाण्ड पर हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। आरोपियों ने उद्योग लगाने व काम धंधा शुरू करने के लिए मुनीम की हत्या कर रुपए लूटे थे। जो आपस में बांटने के बाद मौज मस्ती में उड़ा दिए थे।
बैंक मैनेजर की चाकू व एक अन्य को गोली मारी थी
आरोपी नरेश व साथियों ने डेढ़ साल पहले बिहार के मुजफ्फरपुर में बैंक के एक मैनेजर की चाकू घोंपकर हत्या की थी। पांच साल पूर्व बिहार के सीतामढ़ी में एक लाख रुपए लूटे थे। चार साल पूर्व बिहार के मोतीहारी में रेलवे स्टेशन पर टिकट कन्फर्म करवाने के नाम पर यात्रियों से लूटपाट की थी। खींचन में हत्या कर फरार होने के बाद उदयनाथ ने एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। आरोपी इतने शातिर थे कि वे कभी पकड़े नहीं गए। न ही पुलिस ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की थी। अब इनकी वारदातों के संबंध में संबंधित थानों में सूचित किया जा रहा है।
नक्सलियों के लिए कर रहा था अवैध वसूली
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि फरारी के दौरान बिहार के दरभंगा व मोतीहारी में नक्सली उमेश नामक व्यक्ति के सम्पर्क में आए थे। उसने नरेश को बड़े दुकानदारों को डरा धमकाकर रुपए वसूलने का कार्य दिया था। आरोपियों के परिवार के सदस्य भुजंगी व अनिल उर्फ झाड़ीवाल के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।