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संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन की ओर से चार सितम्बर को जारी रिपोर्ट में भारत-पाक बॉर्डर पर टिड्डी रिपोर्ट गई है। इसमें एकल टिड्डी के अलावा हॉपर भी थे। पेस्टीसाइड छिड़काव द्वारा टिड्डी को नियंत्रित कर लिया गया है। राजस्थान में बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर के रेतीली हिस्सों में टिड्डी की गतिविधि दर्ज की गई है। वर्तमान में टिड्डी की स्थिति पर पूरी तरीके से नियंत्रण है।
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यहां टिड्डी रिपोर्ट
वर्तमान में इरिट्रिया, इथियोपिया, यमन में मुख्य रूप से वयस्क समूह और कुछ झुंड, अल्जीरिया, मिस्र, भारत, मॉरिटानिया, मोरक्को, नाइजर, ओमान, पाकिस्तान, सऊदी अरब, सोमालिया में वयस्कों की कम संख्या, भारत, मॉरिटानिया, सूडान में कुछ हॉपर रिपोर्ट किए गए हैं। विश्व के अधिकांश हिस्सों में टिड्डी की स्थिति नियंत्रण में है। सर्दियों में लाल सागर और अदन की खाड़ी के दोनों किनारों पर अक्टूबर से फरवरी तक बारिश के कारण टिड्डी की गतिविधि में बढ़ोतरी हो सकती है।
जून-जुलाई की बारिश से टिड्डी पनपी
पश्चिमी राजस्थान में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वजह से जून में पूरे महीने जमकर बारिश हुई थी,जिसके चलते टिड्डी को प्रजनन व अपने विकास के लिए बेहद अनुकूल परिस्थितियां मिली। इसके चलते टिड्डी ने अंडे भी दिए। पूरे अगस्त में बिल्कुल सूखा रहा, जिसके कारण अब टिड्डी को वापस फलने-फूलने का मौका नहीं मिला।
पश्चिमी राजस्थान में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय की वजह से जून में पूरे महीने जमकर बारिश हुई थी,जिसके चलते टिड्डी को प्रजनन व अपने विकास के लिए बेहद अनुकूल परिस्थितियां मिली। इसके चलते टिड्डी ने अंडे भी दिए। पूरे अगस्त में बिल्कुल सूखा रहा, जिसके कारण अब टिड्डी को वापस फलने-फूलने का मौका नहीं मिला।