पांच दिन पहले जोधपुर में विजय मशाल के सम्मान कार्यक्रम में जनरल मिन्हास ने इस बात का खुलासा किया था कि वे भी चांदपुरी के गांव के ही है और 1971 की विजय के बाद अपने गांव लौटे कुलदीप सिंह की विजय जश्न में भी शामिल हुए थे।
एकत्रित की लोंगेवाला की मिट्टी
जनरल मिन्हास और सुरिंदर कौर ने लोंगेवाला युद्ध स्थल के उसी स्थान से मिट्टी एकत्र की, जहां 5 दिसंबर 1971 को तत्कालीन मेजर कुलदीप सिंह ने 23-पंजाब की एक कंपनी की कमान संभालते हुए पाकिस्तानी हमले को विफल किया था। कार्यक्रम में मिन्हास ने 1971 के लोंगेवाला युद्ध में मातृभूमि के लिए वीरतापूर्वक लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की।
जनरल मिन्हास और सुरिंदर कौर ने लोंगेवाला युद्ध स्थल के उसी स्थान से मिट्टी एकत्र की, जहां 5 दिसंबर 1971 को तत्कालीन मेजर कुलदीप सिंह ने 23-पंजाब की एक कंपनी की कमान संभालते हुए पाकिस्तानी हमले को विफल किया था। कार्यक्रम में मिन्हास ने 1971 के लोंगेवाला युद्ध में मातृभूमि के लिए वीरतापूर्वक लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुर सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित की।
तनोट के बाद मुनाबाव पहुंचेगी मशाल
विजय मशाल को अब तनोट और सम ले जाया जाएगा। इसके बाद सीमा पर स्थित मुनाबाव जाएगी जो भविष्य की पीढिय़ों को प्रेरित करेगी और युवाओं में देशभक्ति की भावना को जगाएगी।
विजय मशाल को अब तनोट और सम ले जाया जाएगा। इसके बाद सीमा पर स्थित मुनाबाव जाएगी जो भविष्य की पीढिय़ों को प्रेरित करेगी और युवाओं में देशभक्ति की भावना को जगाएगी।