सब्सटीट्यूट या कम पॉवर की दवा
अस्पताल में मरीजों को इनडोर व आउटडोर चिकित्सा सुविधा के साथ जरूरत पडऩे पर बाहर रेफर कर विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है। सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों को रेफर करने पर जो दवा विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा लिखी जाती है तो रेलवे अस्पताल उस दवा के स्थान पर मरीज को कोई दूसरी सब्सटीट्यूट दवा या कम-ज्यादा पॉवर की दवा लेने को कहा जाता है। जबकि मरीज को वही दवा कारगर होती है जो विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा लिखी जाती है।
अस्पताल में मरीजों को इनडोर व आउटडोर चिकित्सा सुविधा के साथ जरूरत पडऩे पर बाहर रेफर कर विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का प्रावधान है। सेवानिवृत्त वरिष्ठ नागरिकों को रेफर करने पर जो दवा विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा लिखी जाती है तो रेलवे अस्पताल उस दवा के स्थान पर मरीज को कोई दूसरी सब्सटीट्यूट दवा या कम-ज्यादा पॉवर की दवा लेने को कहा जाता है। जबकि मरीज को वही दवा कारगर होती है जो विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा लिखी जाती है।
उदाहरण के लिए हार्ट की बीमारी के लिए मरीज को दी जाने वाली रोजावास्टिन 20 मिलीग्राम लिखी जाती है तो रेलवे अस्पताल के दवा काउंटर पर केमिस्ट मरीज को 10-10 मिलीग्राम की दो टेबलेट थमा देते है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए रेमप्रिल सहित डायबिटीज आदि की दवाइयों में कम-ज्यादा पॉवर की दवाई दी जाती है। यदि मरीज को कोई दवा 20 मिलीग्राम लेने को कहा जाता है और अस्पताल के दवा काउंटर पर वह दवा 40 मिलीग्राम की उपलब्ध होने पर उसे काट कर आधी लेने को कहा जाता है। इन कम-ज्यादा पॉवर वाली दवाइयों की दरों में अन्तर होता है।
इनका कहना है
अस्पताल के दवा काउंटर पर कभी पूरी दवाई एक साथ नहीं मिल रही है। हर बार दवाई उपलब्ध नहीं होने पर सुबह-शाम चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
-मोहनलाल, मरीज
अस्पताल के दवा काउंटर पर कभी पूरी दवाई एक साथ नहीं मिल रही है। हर बार दवाई उपलब्ध नहीं होने पर सुबह-शाम चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
-मोहनलाल, मरीज
पर्ची में लिखी हुई दवाओं में कुछ सब्सटीट्यूट या कम-ज्यादा पॉवर की दवाई दे देते है। पूछने पर उक्त दवाई उपलब्ध नहीं होने का कहते हैं। ऐसे में हमको वह दवाई लेनी पड़ती है।
-हीरालाल, मरीज हमारे पास जो दवा उपलब्ध होती हैए वह मरीज को दे देते है। जो उपलब्ध नहीं होती, उन स्थानीय दवाओं की उपलब्धता के लिए केमिस्ट अधिकृत किया हुआ है। वह जब दवाई लाता है, शाम या दूसरे दिन सुबह मरीज को उपलब्ध करा दी जाती है। अधिकृत कंपनियों की दवा दी जा रही है। कम पॉवर की दवा तो दे सकते हैं लेकिन ज्यादा पॉवर की दवा आधी करके लेने को नहीं कहा जाता है। अगर ऐसा हो रहा हैए तो इसकी जांच करेंगे।
– के श्रीधर, चीफ मेडिकल ऑफिसर, रेलवे अस्पताल