ड्रग्स के सौदागर मोबाइल पर वाट्सऐप कॉल के जरिए ही संपर्क करते हैं। यह ड्रग्स पेडलर अमूमन पहले से परिचित युवकों को ही ड्रग्स सप्लाई करते हैं। अनजान व्यक्ति से आसानी से न तो बात करते हैं और न ही ड्रग्स बेचते हैं। पहले से परिचित व्यक्ति के वाट्सऐप कॉल करते ही ऑनलाइन रुपए ले लिए जाते हैं। फिर निर्धारित समय और जगह बुला लेते हैं, जहां बाइक सवार ड्रग्स पेडलर पहुंचता है और सप्लाई देकर लौट जाता है। अफसोस कि पुलिस जानकर सब अनदेखा कर रही है।
चाय की थड़ी पर मिल रही एमडी ड्रग्स
सौदागरों से एमडी ड्रग्स खरीदने को लेकर पत्रिका टीम ने शास्त्री नगर स्थित एक शॉपिंग सेंटर में कोचिंग सेंटर के ठीक सामने चाय की थड़ी लगाने वाले युवक से संपर्क किया। वह तुरंत ही ड्रग्स मुहैया करवाने को राजी हो गया। एमडी ड्रग्स की एक-एक ग्राम की दो पुड़ियों के 36 सौ रुपए एडवांस लिए। फिर करीब आधा-पौन घंटे बाद थड़ी संचालक ने छोटे से बॉक्स में एक-एक ग्राम एमडी ड्रग्स की दो पुड़िया लाकर सौंप दी।स्कूल के बाहर दिनभर ड्रग्स की सप्लाई
चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में सेक्टर-11 मोड़ पर राजीव गांधी कॉलोनी के पास एक निजी स्कूल के बाहर एक तरफ स्कूल तो दूसरी तरफ चौपाटी सेंटर है। यहां सुबह से रातभर एमडी ड्रग्स व स्मैक की धड़ल्ले से सप्लाई होती है। राजस्थान पत्रिका रिपोर्टर शाम 4.30 बजे कॉलोनी के पास पहुंचा, जहां दो कांस्टेबल खड़े थे। इतने में पुराने निजी अस्पताल के पास गली से बगैर हेलमेट बाइक चालक आया और स्कूल के बाहर खड़ी कार में सवार दो युवकों को ड्रग्स बेचकर चला गया।हर तरह का ड्रग्स आसानी से उपलब्ध
युवाओं को गांजा, अफीम, डोडा, एमडी सहित स्मैक जैसे नशे का जहर आसानी से मिल रहा है। शहर में सरस केबिन के नाम पर लगी चाय की थड़ियों और अन्य स्थानों पर दिनभर नशे के आदी युवाओं का जमावड़ा लगा रहता है। यहां आसानी से अफीम और डोडा पाउडर की पुड़िया उपलब्ध होने से वे यहां नशा करने आते है। इसी तरह पान मसाले की दुकानों पर गांजा पीने के लिए काम में आने वाले रैपर की बिक्री भी धड़ल्ले से होती है।आसानी से मिल रही नशे की पुड़िया
जोधपुर के झालामण्ड, कांकाणी, कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड, बासनी, श्रमिक कॉलोनी, बोरानाडा, मिल्क मैन कॉलोनी, पाल रोड, पाल लिंक रोड के पास राजीव गांधी कॉलोनी, सूंथला, मसूरिया नट बस्ती, हुड़को क्वार्टर, सूरसागर, महामंदिर, पावटा, भदवासिया, मंडोर, नौ मील, करवड़ व बनाड़ के क्षेत्रों में नशे की पुड़िया आसानी से मिल रही हैं। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्गों पर चाय की दुकान व ढाबों के साथ ही आस-पास के गावों में भी मादक पदार्थों की आपूर्ति हो रही है। नशे की रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें सक्रिय लोगों की सूची बनाई गई है। पिछले दिनों ही तीन-चार दुकानों पर दबिश देकर मादक पदार्थ पकड़ा भी गया था। पश्चिमी जिले में कई जगह छापे भी मारे गए थे। ड्रग्स तस्करों को पकड़ने के लिए योजना बनाकर कार्रवाई की जाएगी।
- राजेन्द्र सिंह, पुलिस कमिश्नर जोधपुर