एमबीएम से जेएनवीयू की पहचान
देश का सबसे पुराना इंजीनियरिंग कॉलेज होने के कारण एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से पढकऱ कई छात्र-छात्राएं देश विदेश में उच्च पदों पर आसीन है। यही कारण है कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की देश भर में पहचान है। एमबीएम कॉलेज के हाथ से सरक जाने के बाद विवि के पास इंजीनियरिंग संकाय भी नहीं बचेगा। गौरतलब है कि 2 साल पहले एआईसीटीई के कॉलेज के निरीक्षण के दौरान शैक्षणिक खामियां पाए जाने के कारण कॉलेज में जीरो सेशन घोषित कर दिया गया था जिसके बाद कॉलेज के ही पूर्व छात्रों के सहयोग से इसे फिर से इसकी प्रतिष्ठा लौटाई गई। वर्तमान में एमबीएम कॉलेज में शिक्षकों की कमी के अलावा प्रयोगशाला में अत्याधुनिक उपकरण सहित अन्य सुविधाओं की कमी है।
देश का सबसे पुराना इंजीनियरिंग कॉलेज होने के कारण एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से पढकऱ कई छात्र-छात्राएं देश विदेश में उच्च पदों पर आसीन है। यही कारण है कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की देश भर में पहचान है। एमबीएम कॉलेज के हाथ से सरक जाने के बाद विवि के पास इंजीनियरिंग संकाय भी नहीं बचेगा। गौरतलब है कि 2 साल पहले एआईसीटीई के कॉलेज के निरीक्षण के दौरान शैक्षणिक खामियां पाए जाने के कारण कॉलेज में जीरो सेशन घोषित कर दिया गया था जिसके बाद कॉलेज के ही पूर्व छात्रों के सहयोग से इसे फिर से इसकी प्रतिष्ठा लौटाई गई। वर्तमान में एमबीएम कॉलेज में शिक्षकों की कमी के अलावा प्रयोगशाला में अत्याधुनिक उपकरण सहित अन्य सुविधाओं की कमी है।